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हिन्दी अनुवाद
फिर मैंने कहा अपना वृत्तान्त मुझे कहो, अपनी प्रिया का स्थान भी तुम क्यों नहीं जानते हो ? गाहा
कम्मि पुरे तुह वासो, केण व कज्जेण आगओ एत्थ? ।
तत्तो य तेण भणियं, एग-मणो भो! निसामेहि ।।१७।। संस्कृत छाया
कस्मिन् पुरे ते वासः?, केन वा कार्येणागतोऽत्र? ।
ततश्च तेन भणितमेकमना भो! निशामय ।।१७।। गुजराती अर्थ
तमाल रहेठाण कया नगरमा छे ? अथवा कया कार्यथी अहीं आववाथयुं छे ? त्यारपछी तेणे कहूं, तुं मन दईने सांधळ ! हिन्दी अनुवाद
आप किस नगर के वासी हैं अथवा किस हेतु से यहाँ आये हैं ? तब उसने कहा- आप ध्यान से सुनिए ! गाहा
एत्येव अत्थि सेले बहु-विज्जाहर-पुरोह- परिकलिए । सुविभत्त-तिय- चउक्कं नाणा-उज्जाण-रमणीयं ।।१८।। सुविसाल-साल-कलियं सक्कंदण-पुर-वरस्स सारिच्छं ।
उत्तर-सेढीए पुरं पवरं सुरनंदणं नाम ।।१९।।युग्मम्।। संस्कृत छाया- सुरनन्दन नगर
अत्रैवास्ति शैले बहुविद्याधर-पुरौघ-परिकलिते । सुविभक्त-त्रिक-चतुष्कं नानोद्यानरमणीयम् ।।१८।। सुविशाल-साल-कलितं सङ्क्रन्दन-पुर- वरस्य सक्षम् ।
उत्तरश्रेण्यां पुरं प्रवरं सुरनन्दनं नाम ।।१९।। युग्मम् ।। गुजराती अर्थ___उत्तरश्रेणीमा घणा विद्याधर नगरोना समूहथी शोधता आज पर्वत पर सारी रीते त्रिक, चंतुष्कथी विभाग करायेल घणा उधानोथी रमणीय, विशाळ किल्लाथी युक्त इन्द्रना श्रेष्ठनगर जेवू, सुरनन्दन नामर्नु श्रेष्ठ नगर छ।
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