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________________ जैन जगत् : १२५ कला केन्द्र, वाराणसी शाखा के मानद समन्वयक; अमेरिकन इन्स्टीच्यूट आफ इन्डियन स्टडीज की परामर्शदात्री समिति के सदस्य तथा राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान के प्रबन्ध परिषद् से भी सदस्य के रूप में जुड़े रहे। प्रो. शर्मा ने भारतीय कला से सम्बन्धित अनेक पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें 'बुद्धिस्ट आर्ट- मथुरा स्कूल' आकर ग्रन्थ के रूप में मान्य है। उन्होंने लखनऊ, कोलकाता व वाराणसी में शोध-पत्रिकाओं का सम्पादन किया एवं सौ से अधिक शोध-निबन्ध लिखे जो देश विदेश की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं। सत्तर से अधिक पी.एच-डी. व डी. लिट. उपाधियों तथा शोध-प्रबन्धों का मूल्यांकन भी आपने किया। देश-विदेश के अनेक विश्वविद्यालयों और विभिन्न संस्थानों में प्रो. शर्मा प्रतिष्ठित स्मारक व्याख्यानों के लिए स्मरण किये जाते हैं। प्रो. शर्मा विभिन्न शिष्ट मण्डलों के सदस्य, प्रदर्शनी आयुक्त तथा व्याख्याता के रूप में फ्रांस, इंगलैंड, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, हालैंड, वेल्जियम, पोलैंड, चिली, सोवियत संघ (रूस), अमेरिका, कनाडा, जापान, सिंगापुर, थाईलैंड, बंगलादेश, टर्की आदि देशों की यात्राएँ भी की। प्रो. शर्मा ने मथुरा, लखनऊ, कोलकाता, दिल्ली व वाराणसी के संग्रहालयों में अनेक वीथिकाएँ तथा ज्ञान-प्रवाह में संग्रहालय व जेम्स प्रिंसेप विथिका स्थापित की एवं प्रतिष्ठा परक स्मृति व्याख्यान मालाएँ आरम्भ की। आप विश्वविद्यालयों तथा लोक सेवा आयोग की उच्चस्तरीय चयन समितियों, तथा तकनीकी, शैक्षिक या प्रशासनिक इकाइयों के अध्यक्ष, सदस्य तथा विशेषज्ञ भी रहे। . प्रो. शर्मा संस्कृत तथा प्राचीन लिपियों के विशेषज्ञ थे। आपने इस दिशा में अनेक शिविरों का आयोजन किया तथा प्राचीन ब्राह्मी एवं खरोष्ठी लिपियों को पुनरुज्जीवित किया। प्रो. शर्मा को ए.वी. आई. गोल्ड रिकार्ड, अमेरिका ने विशिष्ट उपलब्धियों के लिए १९९७ एवं २००५ में मैंन आफ दि ईयर घोषित किया था। __ आप पार्श्वनाथ विद्यापीठ से अभिन्न रूप से जुड़े थे। विद्यापीठ को उनका सतत् मार्गदर्शन मिलता रहता था। पार्श्वनाथ विद्यापीठ की प्रबन्ध- समिति के मानद् सचिव प्रो. सागरमल जैन ने प्रो. शर्मा के निधन को अपनी व्यक्तिगत एवं अपूरणीय क्षति बताया। आपके निधन से पूरा विद्यापीठ परिवार शोक संतप्त हो गया। एक सादे शोक सभा में विद्यापीठ के स्टाफ ने प्रो. शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525058
Book TitleSramana 2006 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2006
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size9 MB
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