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जैन जगत् : १५१
दसवां महावीर अवार्ड समारोह सम्पन्न बेंगलोर, ११ जनवरी २००६, 'भगवान महावीर स्वामी ने संसार को अहिंसा, सत्य व अपरिग्रह का पाठ पढ़ाया और उसी का अनुसरण करते हुए भगवान महावीर फाउंडेशन समाज के लोगों को उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए सम्मानित कर रहा है। सुगालचंद जैन निर्विवाद रूप से लगातार जनता की सेवा में रत हैं जो कि उनका एक सराहनीय प्रयास है।' ये उद्गार राज्य के राज्यपाल महामहिमश्री टी०एन० चतुर्वेदी ने प्रकट किए। वे भगवान महावीर फाउण्डेशन चेन्नई की ओर से बेंगलोर के भारतीय विद्या भवन में आयोजित दसवें महावीर अवार्ड समारोह में मुख्य अतिथि के पद से बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यों से युवा पीढ़ी व अन्य लोगों को प्रेरणा मिलती है।
पूर्व राज्यसभा सांसद, पद्म भूषण डॉ० एल०एम० सिंघवी ने अपने उद्बोधन में कहा कि सांस्कृतिक वैभव से सम्पन्न इस प्रदेश ने शोध की पारदर्शी प्रक्रिया से एक विशेष पहचान बनायी है और मान अर्जित किया है। उन्होंने कहा कि सम्मान देना बड़ी बात नहीं है। लेकिन शुद्ध-प्रबुद्ध प्रयोजन, विनम्रता, सहृदयता से दिया जाने वाला पुरस्कार श्रेष्ठ है।
इस समारोह में शिक्षा एवं चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए पुणे के डॉ० शरद कुमार दीक्षित, उसी क्षेत्र से चेन्नई स्थित शंकर नेत्रालय के अध्यक्ष व चेयरमैन डॉ० एस०एस० बद्रीनाथ और समुदाय व समाजसेवा के क्षेत्र में पाली (राजस्थान) के राजमल एस० जैन को सम्मानित किया गया। पुरस्कार स्वरूप प्रत्येक को ५ लाख रुपये नगद राशि, स्मृति चिन्ह व प्रमाण-पत्र दिए गए।
__इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री, सांसद व फाउंडेशन के चेयरमैन रामनिवास मिर्धा, पूर्व मुख्य न्यायाधीश व अवार्ड चयन समिति के चेयरमैन एम०एन० वेंकटचलैया, समासेवी दीपचंद गार्डी, आचार्य श्रीचंदनाजी म० सा०, सिक्यूरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इण्डिया के पूर्व चेयरमैन डी०आर० मेहता, भारतीय विद्या भवन, मंगलौर केन्द्र के चेयरमैन प्रो० बी०एम० हेगड़े, जी०एन० दम्मानी सहित समाज के अनेक जाने-माने दिग्गजों की श्रेष्ठ उपस्थिति रही।
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