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श्रमण, वर्ष ५७, अंक १ जनवरी-मार्च २००६
जैन जगत्
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( पुरस्कार एवं सम्मान) श्री दुलीचन्द जैन “सेवा रत्न" अवार्ड से सम्मानित श्री दुलीचन्द जैन, अध्यक्ष - करुणा अन्तर्राष्ट्रीय को सुविख्यात सेंटेनेरियन ट्रस्ट चेन्नई द्वारा दिनांक ०८.१०.०५ को एक भव्य समारोह में रानी सीतई हॉल || में सम्मानित किया गया।
श्री जैन को यह अवार्ड उनकी सामाजिक सेवाओं । के लिए मिजोरम के पूर्व राज्यपाल महामहिम डॉ० ए० पद्मनाभन द्वारा प्रदत्त किया गया। माननीय न्यायाधीश (सेवानिवृत) श्री एस० जगदीशन, चेयरमैन, इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी एपेलेट बोर्ड ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षत की। चेन्नई नगर के ५०० से अधिक प्रबुद्ध व्यक्ति इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। डॉ० सागरमल जैन को आचार्य देवेन्द्र श्रुत सेवा सम्मान
उदयपुर। श्रमण संघीय तृतीय पट्टधर जैन धर्म दिवाकर आचार्य सम्राट, श्री देवेन्द्र मुनि जी म० के पुण्य स्मृति में स्थापित आचार्य देवेन्द्र श्रुत सेवा सम्मान जैन धर्म दर्शन के
सुप्रसिद्ध विद्वान डॉ० सागरमल जैन को दिया जायेगा।
- जैनाचार्य श्री देवेन्द्र मुनि शिक्षण एवं चिकित्सा शोध संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री धनसुख भाई दोशी ने बताया कि आचार्य सम्राट श्री देवेन्द्र मुनिजी म० का आगम, प्राकृत संस्कृत व हिन्दी भाषा, प्राच्यविद्या और श्रमण साहित्य के लेखन-सम्पादन और प्रचार प्रसार में युगान्तरकारी योगदान रहा है। उनकी संसारपक्षीय ज्येष्ठ घबिनी महाश्रमणी श्री पुष्पवती जी म० की प्रेरणा से पिछले वर्ष इस पुरस्कार की स्थापना की गई थी। पुरस्कार के अन्तर्गत ग्यारह हजार रुपये नकद, प्रशस्ति-पत्र और शाल व माला प्रदान किये जाते हैं।
कार्यकारी अध्यक्ष वीरेन्द्र डांगी ने बताया कि पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी के पूर्व निदेशक (अब मानद् सचिव) व प्राच्य विद्यापीठ शाजापुर के निदेशक
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