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________________ ८० १५. वही, पृ० ३२. १६. तुगलक डायनेस्टी, पृ० ३१९-३२०. १७. वही, पृ० ३२१. १८. विविध तीर्थकल्प, पृ० ९५-९६. १९. २०. २.१. २२. २३. २४. २५. २६. : श्रमण, वर्ष ५६, अंक १-६ / जनवरी - जून २००५ २७. प्रो० इ० हि० कां०, १९४१, पृ० ३००-३०१. महाराणा कुम्भा, राम वल्लभ सोमानी, जोधपुर, १९६७, पृ० २१. वही, पृ० २१ २२. प्रोसीडिंग्स आफ द सेवेन्थ ओरिएन्टल कांफ्रेन्स, बड़ौदा, १९३५, पृ० ६३०. विशालकीर्ति इश्री नेमिचन्द्र सिंह गुण दूव वामाल्य वपते हि नेतत नये बगांलय देशावृत श्रीमद ढिल्लि पुरेड महम्मुद सुरंत्राण स्यमारा कत्तै निर्जत्याशु संभावना जिन गुरु व्वौ द्वापी वादि, ब्रजम जैन शिलालेख संग्रह, जि० ३, १९५७, पृ० ५१४-५२६. बंद भावक ही सुगुस जिणदेव सूरीं ढिल्लिय बर प्रकटिदेसराऊ जेहिं कन्नाण मंडणू सामिऊँ पोर जिणु महमद राई सम छिउ थपिउ सुभलगनी सुभदिवसि । श्री जिणदेव सूरिंगीतम । रहला (अनु० हुसैन) परिशिष्ट जे, पृ० २६७. लिस्ट ऑफ इंस्कृप्शंस आफ नार्दर्न इण्डिया, डी० आर० भंडारकर, नं० ६३१, ६३३. विजयभान राज्ये तस्य प्रासाद पात्रेण विनय विवेक धैर्यदान शुभ कार्य निर्मल शीला, व्यद्भुतगुण मणि भयाभरणं आसुर गात्रेण श्री महम्मदं सुरत्राणं दत्त फरमाण साधु श्री गुण राज्य संघपति साहचर्य तीर्थ यात्रेण । भावनगर अभिलेख, जि० १, पृ० २०-२१. Jain Education International ******** For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525055
Book TitleSramana 2005 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2005
Total Pages280
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size12 MB
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