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________________ प्राकृत भाषा और राजशेखरकृत कर्पूरमञ्जरी में देशी शब्द : ५५ देशी शब्द सस्कृतच्छाया | अर्थ वक्ता कर्पूरमञ्जरी | देशीनाममाला का सन्दर्भ का सन्दर्भ ठक्कुरो राजा राजा विदूषक ३/७ पृष्ठ १५७ एक्केक्कअस्स | एकैकस्य परस्पर राजा १/१४५ ३/१० पृष्ठ १५७ णिअंसण निवसन वस्त्र राजा ३/१५ पृष्ठ १५८ सिहिणेहिं स्तनैः स्तनों से राजा ८/३१ ३/१६ पृष्ठ १५८ रिछोली रचना विदूषक ७/७ ३/२० पृष्ठ १५९ थक्कंतु तिष्ठन्तु विदूषक ३/२० पृष्ठ १५९ खिडिक्किआ खिडिक्किका खिड़की विदूषक ३/२० ७/७१ पृष्ठ १५९ मरट्ठो गर्वः अभिमान कुरिङ्गका ६/२० ३/२० पृष्ठ १६० विशाल ७/२९ राजा ८/३१ ववृत्तणं वृद्धत्वम् | राजा ४/२ पृष्ठ १६२ सिहिणपरिसरे - स्तनपरिसरे स्तनों के ऊपर पृष्ठ १६३ कर्पूरमञ्जरी में उपर्युक्त देशी शब्दों के अतिरिक्त और भी अनेक देशी शब्दों का प्रयोग हुआ है, जिनकी शोध-खोज विद्वानों द्वारा अपेक्षित है। मैंने तो यहाँ कुछ देशी शब्दों का मात्र दिग्दर्शन कराने का लघु प्रयास किया है। मेरे इस लेखन से जनबोली प्राकृत के यथार्थ स्वरूप पर प्रकाश पड़ेगा और संस्कृत भाषा की सहोदरा के रूप में इसे प्रतिष्ठा प्राप्त होगी, ऐसा मेरा विश्वास है। सन्दर्भ: १. एन इन्ट्रोडक्शन टू कर्पूरमञ्जरी, आर०पी० पोद्दार, प्रका० - रिसर्च इन्स्टीट्यूट आफ प्राकृत, जैनोलॉजी एण्ड अहिंसा, वैशाली (बिहार),सन् १९७४ (मूल पाठ पृष्ठ ३५से १६७) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525055
Book TitleSramana 2005 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2005
Total Pages280
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size12 MB
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