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अर्थ :- विज्ञान अने विनयथी युक्त अत्यंत वात्सल्यस्वभाववाली पोताना परिमलथी जिती छे बकुलपुष्पोनी सुवासने तेवी बकुलमती नामनी तेने पत्नी छे। हिन्दी अनुवाद :- विज्ञान और विनय से युक्त अत्यंतवात्सल्यमयी, अपनी परिमल से बकुल-पुष्पों की सुवास को पराजित करनेवाली बकुलमती नाम की पत्नी है। गाहा :- बकुलमती ने पुत्रोत्पत्ति
तीए सह विसय-सोक्खं अणुहवमाणस्स तस्स कालेण । अहमेगएव पुत्तो उप्पन्नो कय-मणाणंदो ।।२३।।
छाया:
तस्याः सह विषय-सौख्य-मनुभवमानस्य तस्य कालेन ।
अहमेक एव पुत्र उत्पन्नः कृत-मनानंदः ।।२३।। अर्थ :- तेणीनी साथे विषय-सुखनो अनुभव करतां योग्य समये मनने आनंद-आपनारो हुं पुत्र रूपे उत्पन्न थयो। हिन्दी अनुवाद :- बकुलमती के साथ विषय-सुख का अनुभव करते, योग्य समय पर मन को प्रसन्न करने वाला मैं पुत्र रूप में उत्पन्न हुआ।
गाहा :
जम्म-दिणे च्चिय पुर-नर-चित्त-चमुक्कार-कारयं मज्झ ।
वद्धावणयं पिउणा कारावियमसम-हरिसेणं ।।२४।। छाया :
जन्म-दिने एव पुर-नर-चित्त चमत्कार-कारकं मम |
वयिनकं पित्रा कारापितमसम-हर्षेण ।।२४।। अर्थ :- मारा जन्म दिवसे ज अत्यंत हर्ष युक्त पिता वड़े नगरना लोकोना चित्तने चमत्कार करनारी वधामणी कराई। हिन्दी अनुवाद :- मेरे जन्म दिन पर ही अत्यंत हर्षान्वित पिता द्वारा नगर-लोगों के चित्त को आश्चर्य चकित करनेवाली मेरे जन्म की बधाई करायी गयी। गाहा :- नामकरणविधि
कमसो य बारसहि वोलीणे मज्झ जणणि-जणएहिं । गुरु-तुट्ठीए पइट्ठियमहिहाणं चित्तवेगोत्ति ।। २५।।
छाया:
क्रमशश्च द्वादशाहि व्यतिते मम जननि जनकाभ्याम् । गुरु-तुष्टया प्रतिष्ठितमभिधानं चित्रवेग इति ।।२५||
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