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१७४ : श्रमण, वर्ष ५६, अंक १-६ / जनवरी- जून २००५
पुरस्कारः निर्णायक मण्डल द्वारा चयनित प्रतियोगी को निम्नानुसार पुरस्कार देय होगा
१८ वर्ष तक के प्रतियोगी के लिये:
प्रथम पुरस्कार
द्वितीय पुरस्कार
तृतीय पुरस्कार
१८ वर्ष के ऊपर के प्रतियोगी के लिये:
•
प्रथम पुरस्कार
- २५००रु.
द्वितीय पुरस्कार
- १५००रु.
तृतीय पुरस्कार
-१०००रु.
प्रतियोगिता की भाषा - निबन्ध हिन्दी या अँग्रेजी दोनों भाषाओं में हो सकते हैं । चयन की प्रक्रिया के निर्धारित मानदण्डः
- २५००रु.
- १५००रु.
-१०००रु.
निबन्ध की गुणवत्ता, विचार सम्प्रेषण की स्पष्टता एवं विषय का सम्यक् प्रस्तुतीकरण |
निबन्ध में अपने कथन का सप्रमाण प्रस्तुतीकरण एवं आवश्यक स्थलों पर मूल ग्रन्थों से सन्दर्भ |
भाषा का स्तर:
मूल्यांकनः प्रतियोगियों से प्राप्त निबन्धों का मूल्यांकन जैन विद्या के तीन लब्धप्रतिष्ठ विद्वानों द्वारा किया जायेगा । निबन्धों के मूल्यांकन के लिये परीक्षक समिति में सहयोग करने वाली संस्था का भी प्रतिनिधित्व रहेगा ।
चयन प्रक्रियाः
समस्त निबन्धों की फोटो कॉपी बनायी जायेंगी तथा प्रतियोगियों के उम्रवर्ग के आधार पर उन्हें एक विशिष्ट कोड नं० दिया जायेगा ।
निबन्धों की फोटो प्रतियाँ (बिना लेखक के नाम के) जिनमें कोड नं० अंकित होगा, प्रत्येक निर्णायक को भेजी जायेंगी।
निर्णायकों द्वारा अंकित निबन्ध प्राप्त होने पर उनमें क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार के लिए चयनित प्रतियोगियों की घोषणा की जायेगी।
विजेता प्रतियोगियों के निबन्धों को पार्श्वनाथ विद्यापीठ से प्रकाशित होने वाली शोध-पत्रिका 'श्रमण' के सन् २००५ के अंक में प्रकाशित किया जायेगा।
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