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________________ संवेगरंगशाला में प्रतिपादित मरण के सत्रह प्रकार साध्वी प्रियदिव्यांजनाश्री* जैनधर्म में गृहस्थ उपासकों एवं श्रमण साधकों - दोनों के लिए समभाव पूर्वक मृत्यु-वरण का विधान है। मृत्यु-जीवन का एक अटल सत्य है। जिस तरह जीवन जीना एक कला है, उसी तरह मरण भी एक कला है। व्यक्ति मृत्यु से भयभीत होकर प्रतिपल बचने की कोशिश करता है, किन्तु अपरिहार्य बनी मृत्यु से भयभीत न होकर समभाव पूर्वक उसका स्वागत करना चाहिए। जब किसी भावावेश में आकर जीवन से निराश हो कर विषादि के प्रयोग से स्वयं को खत्म किया जाता है तब वह मृत्यु का स्वागत नहीं, आत्महत्या है। आत्मा के जो निज गुण हैं, उनका विकास आत्म शोधन कहलाता है। आत्म शोधन का प्रथम सोपान है - जीवन शैली में सुधार। जीवन को निर्मल बनाना। जीवन में निर्मलता सद्गुणों और सद्भावनाओं के विकास से उत्पन्न होती है। जीवन शैली के सम्यक् परिमार्जन से मरण भी शान्तिमय होता है। जिसका जीवन आदर्श होता है, उसका मरण भी आदर्श होता है। भारतीय संस्कृति अतिथि को देव मानती है। इसलिए कहा गया है ‘अतिथि देवो भव'। अतिथि वह है जिसके आने की कोई तिथि ज्ञात न हो। इस दृष्टि से.सच्चा अतिथि तो मृत्यु है उसके आने की तिथि भले ही ज्ञात न हो किन्तु उसका आना तो निश्चित है। जीवन एक प्रवाह है। कहा गया है "है समय नदी की धार, जिसमें सब बह जाया करते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो इतिहास बनाया करते हैं।' किन्तु इतिहास बनाने से पहले मृत्यु के अटल सत्य को जानना जरूरी है। अत: जैन मनीषियों ने मरण के अनेक प्रकारों का विस्तार से विश्लेषण किया है किन्तु यहां केवल संवेगरंगशाला में प्रतिपादित मरण के सत्रह प्रकारों का वर्णन किया गया है। संवेगरंगशाला के कर्ता जिनचन्द्रसूरि 'प्रथम' हैं। जिनचन्द्रसूरि ने अपनी कृति के प्रथम परिकर्म द्वार के ग्यारहवें प्रतिद्वार में मरणविभक्ति की चर्चा की है। जिसमें मरण के सत्रह प्रकारों का विवेचन किया है। संवेगरंगशाला के कर्ता जिनचन्द्रसूरि * श्रीविचक्षण भवन, ७ शान्तिनाथ की गली, छोटा सराफा, उज्जैन (मध्य प्रदेश) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525053
Book TitleSramana 2004 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2004
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
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