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________________ आदि बघेरे अपनो निश्चल उत्पत्ति नाम । बड कुल जस तिण वर्णए, बघेरवाल वरियाम।। बघेरा नामक स्थान राजस्थान में केकड़ी तहसील से लगभग १६ कि०मी० दूरी पर स्थित है। वर्तमान में वहां बघेरवालों का एक भी परिवार नहीं रहता। लेकिन बघेरवाल बन्धु अपनी पैतृक भूमि के दर्शन करने यहां अवश्य आते रहते हैं। यहां दो दिगम्बर जैन मंदिर हैं इनमें ११वीं से १३वीं शताब्दी की कई जिन प्रतिमाएं हैं जिनमें शांतिनाथ की मूर्ति अत्यधिक मनोहर, प्राचीन एवं कलापूर्ण है। यहां खुदाई में अनेक मूर्तियां प्राप्त हुई हैं जिससे पता चलता है कि बघेरा कभी वैभवशाली विशाल नगर था तथा दिगम्बर जैन समाज यहां अच्छी संख्या में रहता था। शांतिनाथ स्वामी का मंदिर अतिशय क्षेत्र के रूप में विख्यात है जिसके दर्शनार्थ जैन, अजैन सभी आते हैं। घेरवाल जाति के ५२ गोत्र माने गए हैं जिनका वर्णन भी उक्त रास में किया गया है। दिगम्बर जैन जातियाँ : उद्भव एवं विकास : १७ ५. बावन गोत उद्योतवर, अवनि हुआ अवतार। विवधि तास जस विस्तरों, ए करणी अधिकार ।। इन गोत्रों के नाम निम्न प्रकार है खंडवड, लांबाबांस, साखूव्या, धानोत्या, समथरा, बावऱ्या, सीघडतोड़, कागट्या, हरसोरा, साहुला, कोरिया, भंडाऱ्या, कटारिया, बनावड़या, ठोल्या, पगास्या, बोरखंड्या, बंडमूडी, तातहडसया, मंडाया, बदलचढ, पोतल्या, दरोग्या, भूरया, दहलोडा, निठरणीवाल, मथुरया, गुहीवाल, साखूण्या, सरवाड्या, पापल्य, डूंगरवाल, ठग, वहरिसा, सेडिया, चमारया, सांभरया, सुरलक्या, घोटापा, सोलौरया, गवाल, बेतग्या और खरड्या । बघेरवालों के ठोल्या, साखूण्या, पीतल्या, निगोत्या, पापल्या, कटाऱ्या जैसे गोत्र खण्डेलवाल जैनों के गोत्रों से मिलते जुलते हैं। इन गोत्रों में २५ गोत्र मूलसंघी माने जाते हैं। चित्तौड़ किले पर जैन कीर्ति स्तम्भ साह जोजा द्वारा बनवाया गया था। ये बघेरवाल जाति के श्रावक थे। नैनवा, कोटा, बूंदी में बघेरवालों द्वारा निर्मित विशाल जिनालय हैं। देश में बघेरवालों की संख्या एक लाख से ऊपर गिनी जाती है । १२ जैसवाल १७वीं शताब्दी के कवि बुलाखीचन्द जैसवाल जाति के थे। उन्होंने अपने वचनकोश (रचनाकाल संवत् १७३७) में जैसवाल जाति की उत्पत्ति जैसलमेर नगर Jain Education International - For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525051
Book TitleSramana 2003 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2003
Total Pages156
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size7 MB
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