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________________ विद्यापीठ के प्रांगण में श्वे० तेरापंथ सम्प्रदाय की साध्वी जतनकुमारी जी (कनिष्ठा) ठाणा ५ का ६ जुलाई को विद्यापीठ में शुभागमन हुआ। अपने २४ घंटे के अल्प प्रवास में उन्होंने संस्थान परिसर स्थित भवनों, यहां के समृद्ध पुस्तकालय, संग्रहालय आदि का अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्हें संस्थान में चल रहे शैक्षणिक एवं शोध सम्बन्धी परियोजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गयी। विद्यापीठ में अध्ययनार्थ विराजित खरतरगच्छीय मुनि महेन्द्रसागर जी एवं मुनि मनीषसागर जी म० सा० का अध्ययन सुचारु रूप से चल रहा है। . ७ सितम्बर को श्वे० तेरापंथी सम्प्रदाय की समणी मुदितप्रज्ञा जी ठाणा - ४ का संस्थान में आगमन हआ। अपने संक्षिप्त प्रवास में उन्होंने यहां हो रहे शोध कार्यों की जानकारी प्राप्त की। - मान्यवर, क्षमा, भ्रातृत्व और करुणा के महान् पर्व संवत्सरी के पावन अवसर पर हम विगत वर्षों में हुई अपनी समस्त भूलों एवं मन, वचन एवं काय से जाने-अनजाने हुए अपराधों के लिये आप सभी से हृदय से क्षमायाचना करते हैं। क्षमाभिलाषी प्रो० सागरमल जैन इन्द्रभूति घरड़ प्रो० महेश्वरी प्रसाद मंत्री सह मंत्री निदेशक एवं समस्त पार्श्वनाथ विद्यापीठ परिवार
SR No.525050
Book TitleSramana 2003 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2003
Total Pages176
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size7 MB
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