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________________ जैनाचार्यों का छन्द-शास्त्र को अवदान : ४९ पिङ्गलरूपदीपभाषा२९ इस छन्द ग्रन्थ के ग्रन्थकार का नाम अनुपलब्ध है। इस ग्रन्थ की भाषा हिन्दी है। राजस्थान (ग्रन्थ-सूची) भाग ५ के अनुसार इस ग्रन्थ का रचनाकाल १७१६ ई० है। इसकी पूर्ण हस्तलिखित प्रति दिगम्बर जैन पार्श्वनाथ मन्दिर, इन्दरगढ़ (कोटा) में उपलब्ध है। पिङ्गलछन्दशास्त्र इस छन्द ग्रन्थ के ग्रन्थकार का नाम माखन कवि है। इन्होंने हिन्दी-भाषा में इस ग्रन्थ की रचना की है। इनके रचना का समय १८०६ ई० है। इसमें ४६ से आगे पत्र नहीं हैं। (द) गुजराती कृति छन्दःकोश-बालावबोध" छन्दकोश पर आचार्य मानकीर्ति के शिष्य अमरकीर्ति ने गुजराती-भाषा में 'बालावबोध' की रचना की है। बालावबोध में इस प्रकार उल्लेख है तेषां पदे सुविश्याताः सूरयो भरतकीर्तयः। तैश्चक बालावबोधो यं छन्द कोशाभिधस्य वै।। इसका एक हस्तलिखित प्रति अहमदाबाद के लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्या मन्दिर में है। प्रति १८वीं शताब्दी में लिखी गयी प्रतीत होती है। सन्दर्भ सूची १. डॉ० शिवनन्दन प्रसाद, स्वयम्भूकृत स्वयम्भूच्छन्दस्, मात्रिक छन्दों का विकास, बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना, पृ० ४५. २. जयदेवकृत जयदेवच्छन्दस्, जैन साहित्य का बृहद् इतिहास, भाग-५, पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, हिन्दू यूनिवर्सिटी, वाराणसी, द्वितीय संस्करण १९९० ई०. ३. राजशेखरकृत छन्दःशेखर, न्यू कैटलॉगस कैटलॉगरम, भाग-७, डॉ० कुझुनी राजा, मद्रास यूनिवर्सिटी, पृ० ९८. ४. डॉ० शिवनन्दन प्रसाद, जयकीर्तिकृत छन्दोऽनुशासन, मात्रिक छन्दों का विकास. ५. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास, भाग-५, पृ० १३०. ६. जैन साहित्य का बृहद इतिहास, भाग-५, पृ० १३२. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525047
Book TitleSramana 2002 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2002
Total Pages182
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size8 MB
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