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________________ जैनाचार्यों का छन्द-शास्त्र को अवदान* कु० मधुलिका भारतीय संस्कृति एवं साहित्य के विकास में जैनाचार्यों का महत्त्वपूर्ण योगदान है। एक ओर उन्होंने काव्य की अनेक विधाओं में विशाल साहित्य की रचना की है तो दूसरी ओर व्याकरणशास्त्र, काव्यशास्त्र, अलङ्कारशास्त्र एवं छन्दशास्त्र जैसे लाक्षणिक विषयों पर भी सफलतापूर्वक अपनी लेखनी चलायी है। छन्दशास्त्र के क्षेत्र में जैन-परम्परा का महान् अवदान है। जैनाचार्यों ने प्राकृत, संस्कृत, गुजराती और हिन्दी में छन्द-विषयक कृतियों की रचना की है। छन्दशास्त्रविषयक जैन आचार्यों के ग्रन्थों का परिचय देने से पूर्व यह उल्लेख करना असङ्गत नहीं होगा कि सभी जैन छन्दशास्त्रकारों का समय ज्ञात एवं निश्चित नहीं है। अत: कालक्रम से इन ग्रन्थों का परिचय देना सरल नहीं है। ग्रन्थों की भाषा के आधार पर इनका वर्गीकरण कर यथासम्भव कालक्रम से उनका परिचय देने का प्रस्तुत अध्याय में प्रयास किया गया है। उन कृतियों का परिचय देने से पूर्व इनका संक्षिप्त सर्वेक्षण प्रस्तुत करना समीचीन होगा। इस उद्देश्य से जैन छन्दशास्त्रविषयक कृतियों को भाषाक्रम से प्राकृत, संस्कृत, गुजराती और हिन्दी में वर्गीकृत किया गया है। संस्कृत छन्द-ग्रन्थ संस्कृत छन्द-ग्रन्थों में सर्वप्रथम दिगम्बर आचार्य पूज्यपाद (वि०सं० छठी शताब्दी) की कृति छन्दशास्त्र प्राप्त होती है। तत्पश्चात् स्वयम्भू (छठी शताब्दी) का स्वयम्भूच्छन्दस् प्राप्त होता है। स्वयम्भू का काल प्रो० एच०सी० भायाणी के अनुसार छठी शताब्दी का उत्तरार्द्ध माना जाता है। जयदेव ने जयदेवछन्दस् ९१० ई० में प्रणीत किया। इस पर हर्षट् (सन् ११२४ ई०) रचित और जिनचन्द्रसरि (१३वीं शताब्दी ई०) रचित दो वृत्तियाँ प्राप्त होती हैं। ईसा की ११वीं शताब्दी में विरचित राजशेखरकृत छन्दःशेखर, जयकीर्तिकृत छन्दोऽनुशासन, अज्ञातकर्तृक रत्नमञ्जूषा और बुद्धिसागरसूरिकृत छन्दःशास्त्र उपलब्ध हैं। *. अखिल भारतीय प्राच्य विद्या सम्मेलन के पूना में आयोजित ४१वें वार्षिक अधिवेशन में पठित एवं मुनि पुण्यविजय स्मृति पुरस्कार से सम्मानित आलेख **. शोधछात्रा, पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525047
Book TitleSramana 2002 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2002
Total Pages182
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size8 MB
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