SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 37
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३२ : श्रमण/जुलाई-दिसम्बर २००२ ५. बुद्धि चमत्कार प्रधान कथाएं १. चतुर रोहक (गाथा ५२-७४), २. पथिक के फल (गाथा ८१), ३. अभयकुमार (गाथा ८२), ४. चतुरवैद्य (गाथा ८०), ५. हाथी की तौल (गाथा ८७), ६. मन्त्री की नियुक्ति (गाथा ९०), ७. व्यन्तरी (९४), ८. कल्पक की चतुराई (१०८), ९. मृगावती कौशल (गाथा १०८)। ६. प्रतीक प्रधान कथाएं १. धन्य की पुत्र वधुएँ (गाथा १७२-१७९)। ७. मनोरंजन प्रधान कथाएं १. जामाता परीक्षा (गाथा १४३), २. राजा का न्याय (गाथा १२०), ३. विषयी सुख (पृ. ३९८)। ८. नीति या उपदेशप्रधान कथाएं १. सवलित रत्न (गाथा १०), २. सोमा (५५०-५९७), ३. वरदत्त (६०५-६६३), ४. गोवर (५५०-५९७), ५. सत्संगति (६०८-६६३), ६. कलि (८६७), ७. कुन्तलदेवी (४९७), ८. सूरतेज (१०१३-१०१७)। ९. प्रभावप्रधान कथाएं १. ब्रह्मदत्त (गाथा ६), २. पुण्यकृत्य की प्राप्ति (गाथा ८), ३. प्रभाकर-चित्रकार (गाथा ३६२-३६६), ४. कामासक्ति (गाथा १४७), ५. माषतुष (गाथा १९३)। हम देखते हैं कि उपदेशपद एक अनुपम ग्रन्थ है जिसमें कथानकों के माध्यम से सदाचार की प्रेरणा दी गयी है। वस्तुत: कथाएं जीवन के विभिन्न पहलुओं को अपने में समेटे हए सहजता के साथ मनोरंजन करती हुई अपूर्व प्रेरणाएँ प्रदान करती हैं। सैकड़ों प्रकार के सिद्धान्त जहाँ कार्यकारी नहीं होते वहां प्रभावपूर्ण कथा या दृष्टान्त व्यक्ति को मार्ग पर लाने के लिए हृदय परिवर्तन में अधिक सहकारी बनती हैं, क्योंकि ऐसी कथाओं में कोई न कोई गहरी संवेदना रहती अवश्य है। डॉ० नेमिचन्द्र शास्त्री ने इन कथाओं के विषय में लिखा है कि हरिभद्र की कार्य और घटनाप्रधान कथाओं में घटनाओं के चमत्कार के साथ पात्रों के कार्यों की विशेषता, आकर्षण और तनाव आदि भी हैं। यों तो ये कथाएं कथारस के उद्देश्य से नहीं लिखी गयी हैं। लेखक विषय का उदाहरण द्वारा स्पष्टीकरण करना चाहता है अथवा उपदेश को हृदयङ्गम कराने के लिए कोई उदाहरण उपस्थित करता है, तो भी कथातत्त्व का Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525047
Book TitleSramana 2002 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2002
Total Pages182
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy