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________________ १६८ : श्रमण/जनवरी-जून २००२ संयुक्तांक १. हिन्दी-भाषा में लिखित सर्वोत्तम पुस्तक - १ लाख रुपये २. अंग्रेजी-भाषा में लिखित सर्वोत्तम पुस्तक - १ लाख रुपये पुस्तक में भगवान महावीर के सार्वभौमिक सिद्धान्तों का आधनिक ढंग से प्रतिपादन तथा वर्तमान युग की समस्याओं के समाधान में उनकी उपयोगिता की चर्चा होनी अनिवार्य है। पुस्तक २५० पृष्ठों (मुद्रित) से अधिक नहीं होनी चाहिए। अप्रकाशित पुस्तकों को ६ प्रतियां भेजनी होगी। पुस्तकें भेजने की अन्तिम तिथि ३०.११.२००२ है। इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी निम्नलिखित पते पर प्राप्त की जा सकती है - श्री दुलीचन्द जैन, संयोजक, भगवान् महावीर फाउण्डेशन, पोस्ट बॉक्स नं० २९८३, ११ पोनप्पा लेन, ट्रिप्लीकेन हाई रोड, चेनई-६००००५. जैन समाज की गौरव कु० राजुल बोरुन्दिया पेरुम्बूर, चेन्नई निवासी कु० राजुल बोरुन्दिया (सुपुत्री श्री विमलचन्द जी बोरुन्दिया) ने इण्टरमीडिएट की वार्षिक परीक्षा- वाणिज्य वर्ग में १२०० में ११११ अंक प्राप्त कर परिवार और समाज के गौरव में अभिवृद्धि की। तीन वर्ष पूर्व राजुल के भाई अमितराज ने भी इसी परीक्षा में १२०० में से ११२८ अंक प्राप्त किये थे। पार्श्वनाथ विद्यापीठ की ओर से कु० राजुल को उनकी इस उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई। प्रो० पन्नालाल जैन डाक्टरेट की उपाधि से विभूषित शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दमोह में भौतिक शास्त्र के अध्यक्ष प्रो० पन्नालाल जैन को उनके द्वारा लिखित शोधप्रन्बध 'चार्य कैरियर माइग्रेशन एण्ड प्रेपिंग प्रापर्टीज ऑफ सम ऑफ दी लीडिंग ऑर्गेनिक पॉलीमर्स' पर डॉ० हरीसिंह गौर सागर विश्वविद्यालय द्वारा पी-एच०डी० की उपाधि प्रदान की गयी। प्रो० जैन को इनकी इस उपलब्धि के लिये बधाई। पालिताना में एक ही समुदाय के ६०० साधु-साध्वियों का प्रथम बार चातुर्मास स्व० आचार्य विजयरामचन्द्रसूरि महाराज के समुदाय के ६०० साधु-साध्वियों का वर्ष २००२ का चतुर्मास शत्रुञ्जय गिरिराज की तलहटी में स्थित पालिताना नगर में होने जा रहा है। ज्ञातव्य है कि इस समुदाय के गच्छाधिपति श्रीविजयमहोदयसूरि जी मसा० का २८ अप्रैल २००२ को निधन हो गया। अपने निधन से पूर्व उन्होंने अपने पूरे समुदाय के साथ पालिताना में चातुर्मास करने की भावना व्यक्त की थी। स्व० आचार्यश्री की भावना का सम्मान करते हुए उनके समुदाय के १५ आचार्य भी यहीं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525046
Book TitleSramana 2002 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2002
Total Pages188
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size9 MB
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