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________________ १२४ को संस्कृत विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में संस्कृत संगोष्ठी हुई जिसमें संस्थान के प्राध्यापकों ने भाग लिया। २१ सितम्बर को सुहस्त्राब्दि विश्व हिन्दी सम्मेलन में भाग लेने संस्थान के निदेशक प्रो० जैन दिल्ली गये जहां उन्होंने २२ सितम्बर को हिन्दी भाषा और साहित्य के विकास में प्राकृत एवं अपभ्रंश का योगदान विषय पर व्याख्यान दिया। इस अवसर पर अध्ययन-संशोधन के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान हेतु प्रशस्तिपत्र भेंट कर वहां उनका विशेष सम्मान भी किया गया। २८ और ३० सितम्बर को तिब्बती उच्च शिक्षा संस्थान, सारनाथ में बौद्ध संस्कृति और महायान बौद्धधर्म पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के विशेष प्रतिनिधि के रूप में निदेशक महोदय ने व्याख्यान दिया। पार्श्वनाथ विद्यापीठ में आयोजित भूमिपूजन समारोह का विवरण ५ अगस्त २००० को पूर्वाह्न में पूज्य आचार्यश्री सजयश सूरिजी म. सा० की पावन निश्रा में एवं अन्य म०सा० की पुण्यदायी उपस्थिति में पू० आचार्यश्री की प्रेरणा एवं कृपा से निर्माण के लिए प्रस्तावित उपाध्याय यशोविजय स्मृति मन्दिर एवं पू० राजयशसूरीश्वर विद्याभवन हेतु शुभ मुहूर्त में भूमिपूजन, शिलापूजन, खननमुहूर्त एवं नामकरण विधि सम्पन्न हुई। इस कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रात: ९ बजे हुआ। भूमिपूजन में श्री रतनलाल मगनलाल देसाई, कलकत्ता; डॉ० किशोरभाई शाह, बम्बई; श्रीमती पद्माधर्मेन्द्र गांधी, बम्बई; श्रीमती मयूरी अजयभाई शाह, अहमदाबाद; श्री अजीत समदरिया, जबलपुर तथा विद्यापीठ के सचिव माननीय श्री भूपेन्द्रनाथ जैन, फरीदाबाद सम्मिलित हुए। समस्त विधियाँ इन्दौरवासी श्री वेलजीभाई शाह ने सम्पन्न करवाई। सम्पूर्ण कार्यक्रम श्री प्रफुल्लभाई शाह के संगीतमय वातावरण में सम्पन्न हुआ। इसके साथ ही बाहर से आये अतिथियों के सम्मान तथा पार्श्वनाथ विद्यापीठ के प्रकाशनों के विमोचन का भी कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इसका आरम्भ सुश्री इन्दु जैन के मंगलाचरण से हुआ। श्री भूपेन्द्रनाथ जैन ने आचार्यश्री के वाराणसी आगमन को विद्यापीठ के लिए अत्यन्त शुभ एवं महत्त्वपूर्ण बताते हुए सभी अभ्यागतों का स्वागत किया और विद्यापीठ की स्थापना से लेकर आज तक के विकासोन्मुखी गतिविधियों का जीवन्त परिचय दिया। पार्श्वनाथ जीर्णोद्धार ट्रस्ट के अध्यक्ष कुँवर विजयानन्द सिंह, वाराणसी, जिन्होंने उक्त दोनों भवनों के निर्माण की व्यवस्था का दायित्व लिया है, ने भी अतिथियों का स्वागत किया। विद्यापीठ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525041
Book TitleSramana 2000 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2000
Total Pages140
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
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