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१९६ से हटा दिया गया था, जिससे 'प्राकृतभाषा' पढ़ने वालों के भविष्य के प्रति प्रश्नचिह्न लग गया था। चारों ओर से इस निर्णय के विरोध में आवाजें उठी और अन्तत: डॉ० मण्डन मिश्र के सार्थक प्रयत्नों से यू०जी०सी० द्वारा पुनः प्राकृतभाषा को स्वतन्त्र विषय के रूप में मान्यता प्रदान कर दी गयी।
जैन सिदान्त भवन का ९७वां स्थापना दिवस सोल्लास सम्पन्न
आरा : पिछले दिनो श्रुतपञ्चमी के पावन पर्व पर सर्वप्राचीन जैन संस्थान जैन सिद्धान्त भवन का ९७वां स्थापना दिवस पूज्य आचार्य श्री कुशाग्रनन्दी जी महाराज के पावन सानिध्य में सोल्लास मनाया गया। इसी प्रकार श्री जैन बालाविश्राम के प्राङ्गण में प्रतिष्ठापित भगवान् ऋषभदेव के मानस्तम्भ का ५० वर्षों बाद पिछले दिनों महामस्तकाभिषेक भी सम्पन्न हुआ।
श्री उमरावमलजी चौरडिया अध्यक्ष निर्वाचित जयपुर २८ मई : रविवार दिनांक २८ मई को जयपुर में सम्पन्न हुए चुनाव में सर्वसम्मति से श्री उमरावमल जी चौरड़िया अखिल भारतीय श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन कान्फ्रेन्स की राजस्थन शाखा के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। विद्यापीठ परिवार की ओर से श्री चौरड़िया को हार्दिक बधाई।
श्रमदान
उपाध्याय श्री जिनानन्द सागर जी महाराज के पावन सान्निध्य एवं दिगम्बर जैन सोशल ग्रुप फेडरेशन के तत्वावधान में पिछले दिनों अतिशय दिगम्बर तीर्थ क्षेत्र सिद्धवरकूट के १८ किलोमीटर लम्बे मार्ग के जीर्णोद्धार हेतु बड़ी संख्या में लोगों ने कार सेवा की। इस अवसर पर क्षेत्रीय सांसद द्वारा मार्ग के जीर्णोद्धार हेतु ९ लाख रुपये देने की भी घोषणा की गयी।
पाण्डुलिपि और पुरालिपि सम्बन्धी कार्यशाला सम्पन्न दिल्ली २ जुलाई : विजयवल्लभ स्मारक (जैन मन्दिर संकुल) परिसर स्थित भोगीलाल लहेरचन्द इंस्टिट्यूट ऑफ इण्डोलाजी द्वारा आयोजित १५ दिवसीय पाण्डुलिपि और पुरालिपि सम्बन्धी कार्यशाला का समापन समारोह दिनांक २ जुलाई को आयोजित किया गया। राष्ट्रीय अभिलेखागार नई दिल्ली के निदेशक प्रो० एस० सरकार इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली के निदेशक प्रो० आर०डी० चौधरी ने की।
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