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________________ १८२ भारतीय संस्कृति में शिव तत्त्व नामक संगोष्ठी के अवसर पर पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय के कुलपति माननीय प्रो० प्रेमचन्द्र पातंजलि को विद्यापीठ की ओर से प्रतीकचिन्ह भेंट करते हुए प्रो० भागचन्द्र जैन 'भास्कर' संगोष्ठी के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो० प्रेमचन्द्र पातञ्जलि, कुलपति - पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय, जौनपुर ने भारतीय संस्कृति में शिवतत्त्व की प्रासंगिकता बताते हुए शिव और ऋषभदेव को एकात्मकता का प्रतीक बतलाया। इस अवसर पर उनका स्वागत संस्था की ओर से डॉ० भागचन्द्र जैन ने किया और उन्हें विद्यापीठ का प्रतीक चिन्ह तथा नये प्रकाशन भेंट किये। पार्श्वनाथ विद्यापीठ के परिसर, ग्रन्थालय और संग्रहालय एवं इसकी सुव्यवस्था देखकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि शीघ्र ही यह संस्थान पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय से सम्बद्ध हो जायेगा और यह पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय के लिये गौरव का विषय बनेगा। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इस संगोष्ठी में शिव और ऋषभदेव के व्यक्तित्व की एकता वाला पक्ष अधिक उभर कर सामने आया। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525040
Book TitleSramana 2000 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2000
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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