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________________ आदर्श परिवार की संकल्पना : धर्मशास्त्रों के परिप्रेक्ष्य में - प्रो० भागचन्द्र जैन 'भास्कर' भौतिकवाद के चकाचौंध में आज मानव धर्मशास्त्र की उपेक्षा कर अध्यात्मवाद को भूल रहा है, मानवमूल्यों को छोड़ रहा है और नितान्त स्वार्थी होकर धर्म की सही परिभाषा को भ्रष्ट कर रहा है। इससे सदाचार का महापथ एक गलियारा-सा बनकर बैठा हुआ है, संयुक्त परिवार टूट रहा है और मानवता क्रन्दन कर रही है। ___ आज यह तथ्य किसी से छिपा नहीं है कि देश और काल की आवश्यकतानुसार धर्मों और सम्प्रदायों का उद्भव होता रहा है और आचार्यों के चिन्तन के अनुसार शास्त्रीय कर्मकाण्डों में वैविध्य आता रहा है। इसी वैविध्य ने संकीर्णता को जन्म दिया, अध्ययन और जिज्ञासा को सुखाया और साम्प्रदायिक संघर्ष एवं कटुता को बढ़ाया है। एक धर्म दूसरे धर्म की परम्पराओं से अनभिज्ञ है, एक धर्म के ही सम्प्रदायों में पारस्परिक वैमनस्य बढ़ रहा है और हर धर्म का अनुयायी आज अपने धर्म को सर्वोत्तम मानकर अन्य धर्मों के प्रति घृणा का भाव पाल रहा है। आज आवश्यकता है इस घृणाभाव को दूर कर अनेकता में एकता को प्रस्थापित करने और धर्मग्रन्थों की मूल परम्परा को मूल्यांकित करने की। समय का यह तकाज़ा है कि धर्मग्रन्थों का समुचित अध्ययन किया जाये और उनमें से मानवता के प्रतिष्ठापक सूत्रों को उद्घाटित किया जाये। इस उद्घाटन में मानवता को कलंकित करने वाले अध्यायों को विस्मृत करना होगा और मानव जीवन की सही पहचान कराकर ऐसा समन्वय स्थापित करना होगा जिससे मानव अपने चरमलक्ष्य को पहचान सके। परिवार एक प्राथमिक पाठशाला है, संस्कारों के निर्माण की कार्यशाला है और भ्रातृत्वभाव को बनाये रखने की धर्मशाला है। उसी से व्यक्ति अपना सेवा क्षेत्र विकसित करना सीखता है, सच्चे त्याग की परिभाषा जानता है, जीवन की पहचान कर माता-पिता की निःस्वार्थ सेवा करता है और “वसुधैवकुटुम्बकम्' की ओर अपनी दृष्टि डालता *. पार्श्वनाथ विद्यापीठ एवं श्री बनारस पार्श्वनाथ जीर्णोद्धार ट्रस्ट द्वारा समायोजित __ संगोष्ठी में विषय-प्रस्तुति के रूप में पठित अभिभाषण। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525040
Book TitleSramana 2000 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2000
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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