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साभार प्राप्ति
काशी-दर्शन, मुनि सुनीलसागर; प्रकाशक- श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर पुस्तकालय एवं वाचनालय, भेलूपुर, वाराणसी, प्रकाशन वर्ष १९९९ ई०, आकार - डिमाई, पृ० ११८, मूल्य - स्वाध्याय।। धरती के देवता, मुनि सुनीलसागर; प्रकाशक - पूर्वोक्त; प्रकाशन वर्ष १९९९ ई०; आकार - डिमाई; पृष्ठ - १०+८३; मूल्य - १०/- रुपये। आचार्य आदिसागर अंकलीकर परम्परा, संकलनकर्ता- मुनिश्री सुन्दरसागर जी; प्रकाशक - हरगेनकुमार जैन चैरिटेबल ट्रस्ट, आरा (बिहार); प्रकाशन वर्ष
१९९९; आकार - डिमाई; पृष्ठ - ४००; मूल्य - ४० रुपये। ४. कर्मनुं कम्प्यूटर, लेखक- मुनिश्री मेघदर्शन विजय जी म० सा०, प्रकाशक -
अखिल भारतीय संस्कृति रक्षक दल, सुरत; प्रकाशन वर्ष १९९९; आकार -
डिमाई: पृष्ठ - ६+१७८; मूल्य - ३० रुपये। ५. सूत्रोना रहस्यो, लेखक-प्रका० - उपरोक्त; प्रकाशन वर्ष - १९९९ई०;
आकार- डिमाई; पृष्ठ ६+१७०; मूल्य - ३० रुपये। अनेकान्त स्वाध्याय मन्दिर : परिचय, प्रवृत्तियाँ तथा भजन, सम्पा०-- श्री जमनालाल जैन; प्रकाशक-अनेकान्त स्वाध्याय मन्दिर, रामनगर, वर्धा-४४२००१ (महाराष्ट्र); प्रथम संरण १९९८ ई०; पृष्ठ ८४; आकार-डिमाई। श्री पार्श्वनाथ पंचकल्याणक विधान, रचनाकार- श्री राजमल पवैया; प्रकाशक- बालब्रह्मचारी श्री सुकुमाल जी, व्यवस्थापक- श्री महावीर जिनालय, चिमनगंज मण्डी, उज्जैन (म०प्र०); प्रथम संस्करण १९९९ ई०,
पृष्ठ ७२; आकार– डिमाई; मूल्य १२/- रुपये।। ८.
श्रीसम्मेदशिखरपूजनअर्ध्यावलि; रचनाकार- श्री राजमल पवैया; प्रकाशनपूर्वोक्त; प्रथम संस्करण १९९९ ई०; पृष्ठ ३२; आकार- पाकेट साइज; मूल्य १ रुपया।
दिगम्बर समाज के सम्मान्य सदस्य श्रीमन्त्रीबाबू ने संस्थान को एक उत्तम टेपरिकार्डर प्रदान किया। इसी प्रकार श्रीपार्श्वनाथ श्वेताम्बर जन्मभूमिमन्दिर के अध्यक्ष कुंवर विजयानन्द सिंह ने संस्थान को एक एयर कण्डीशनर देने का वचन दिया
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