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________________ १८० मार्गनिर्देशन में महाशिला-अभिलेख नामक एक योजना तैयार की गयी है जिसके अन्तर्गत अजमेर जिले के टाडगढ़ नामक स्थान पर २६ फुट ऊँचा, ५ फुट चौड़ा और ५ फुट मोटा काले ग्रेनाइट पत्थर का दक्षिण भारतीय मन्दिर शैली में एक कलात्मक स्तम्भ तैयार किया जा रहा है। इस पर हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में तेरापंथ के इतिहास में आचार्य तुलसी के अपूर्व व अनुपम अवदान का अंकन होगा। जैन पाण्डुलिपियों एवं प्रकाशित जैन साहित्य का सूचीकरण भावनगर : सत्श्रुत प्रभावना ट्रस्ट, भावनगर एवं कुन्दकन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर द्वारा संयुक्त रूप से प्राचीन जैन ग्रन्थों की पाण्डुलिपियों एवं प्रकाशित जैन साहित्य के सूचीकरण हेतु एक बृहद् परियोजना दिनांक १.१.१९९९ से प्रारम्भ की गयी है। जैन ग्रन्थ भण्डारों में हजारों की संख्या में जैन ग्रन्थ पड़े हुए हैं जो अभी तक अप्रकाशित हैं। अनेक ग्रन्थ भण्डारों की न तो कोई सूची बनी है और न ही उनके रख-रखाव की उचित व्यवस्था ही है। इसी प्रकार विगत एक शताब्दी में बहुत बड़ी संख्या में जैन ग्रन्थों का प्रकाशन हुआ है, परन्तु आज भी कोई ऐसी सूची नहीं बनी है जिससे यह ज्ञात हो सके कि अब तक कुल कितना जैन साहित्य प्रकाशित है। इस कमी को दूर करने के लिये उक्त संस्थाओं ने संयुक्त रूप से जो परियोजना आरम्भ की है, वह निश्चित ही अभिनन्दनीय है। डॉ० हीरालाल जैन - व्यक्तित्व और कृतित्व : राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न अजमेर : २२ नवम्बर – षट्खण्डागम के आद्य सम्पादक, प्राच्य विद्याओं के यशस्वी मनीषी पुण्यश्लोक स्व० डॉ० हीरालाल जैन की जन्म शताब्दी के अवसर पर उनके व्यक्तित्व और कृतित्त्व पर सराकोद्धारक उपाध्याय श्री ज्ञानसागर जी महाराज के सानिध्य में केशरगंज, अजमेर में तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी, १९-२१ नवम्बर १९९९ ई० सानन्द सम्पन्न हुई। आचार्यश्री नानालाल जी महाराज दिवंगत उदयपुर २८ अक्टूबर : स्थानकवासी सम्प्रदाय के मान्य आचार्य श्री नानालाल जी महाराज का २७ अक्टूबर को उदयपुर में समाधिमरण हो गया। पार्श्वनाथ विद्यापीठ परिवार की ओर से आचार्यश्री को हार्दिक श्रद्धांजलि। दिल्ली: सुप्रसिद्ध उद्योगपति और बल्लभ स्मारक, दिल्ली के मन्त्री सश्रावक श्री राजकुमार जैन की पत्नी श्रीमती त्रिशला जैन का २ जनवरी को आकस्मिक निधन हो गया। पार्श्वनाथ विद्यापीठ परिवार श्रीमती जैन को हार्दिक श्रद्धाञ्जलि अर्पित करता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525039
Book TitleSramana 1999 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1999
Total Pages202
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size8 MB
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