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कार्यक्रम का संचालन विद्यापीठ के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ० अशोक कुमार सिंह ने किया
और अन्त में कुंवर विजयानन्द जी ने श्री एवं श्रीमती मनसिंघे के प्रति आभार प्रकट किया।
दिसम्बर माह शैक्षणिक गतिविधियों से भरा रहा। प्रारम्भ में ५ से ७ दिसम्बर तक भारत-चीन सम्बन्धों पर संस्थान परिसर में एक त्रिदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सङ्गोष्ठी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के दर्शन विभाग और पार्श्वनाथ विद्यापीठ के संयुक्त तत्त्वावधान में हुई। इस सङ्गोष्ठी में प्रो० जार्ज मैक्लीन के नेतृत्त्व में ११ चीनी विद्वानों का प्रतिनिधि मण्डल यहाँ आया और स्थानीय विद्वानों के साथ सांस्कृतिक सम्बन्धों पर उसने गहन विचार-विमर्श किया। सङ्गोष्ठी के प्रथम दिन लखनऊ विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्त्व विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर किरण कुमार थापलियाल; काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व कला सङ्कायाध्यक्ष प्रो० एन०एस०रमन तथा चीन के प्रो० ल्यू फेलांग ने अपने शोधपत्र पढ़े। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के दर्शन विभागाध्यक्ष प्रो० रेवती रमण पाण्डेय ने स्वागत भाषण किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ० अशोक कुमार सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन निदेशक प्रो० भागचन्द्र जैन ने किया।
इसी तरह दूसरे और तीसरे दिन भी सङ्गोष्ठी में विभिन्न शोधपत्र प्रस्तुत किये गये। इसी शृङ्खला में संस्थान के निदेशक प्रो० भागचन्द्र जैन ने भी अपना शोध-पत्र Philosophical Relation between India & China प्रस्तुत किया। चीनी विद्वानों ने संस्थान की समस्त गतिविधियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की और भविष्य में उससे सम्पर्क बनाये रखने की आकांक्षा व्यक्त की।
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पं० अमृतलाल जी शास्त्री को श्रीफल भेंट करते हुए संस्थान के निदेशक प्रोफेसर भागचन्द्र जैन 'भास्कर' एवं समीपस्थ डॉ० वसन्तराजन्, डॉ० उदयचन्द जैन एवं डॉ० कमलेश कुमार जैन
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