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________________ १७१ २५ अक्टूबर; विषय- स्थानकवासी जैन समाज के उद्भव की पृष्ठभूमिः वक्ता- डॉ० विजयकुमार जैन छन्द परम्परा और जैन छन्द साहित्य; वक्तृ-सुश्री मधुलिका सिंह २९ अक्टूबर; विषय- आचार्य तुलसी- हिन्दी गद्य साहित्य : एक मूल्यांकन; वक्तृ-- डॉ० सुधा जैन तित्थोगाली में भाषा वैविध्य; वक्ता- श्री अतुल कुमार प्रसाद सिंह २४ दिसम्बर; विषय- जैन चम्पूकाव्य, वक्ता- डॉ० मणिनाथ मिश्र (२) पाक्षिक व्याख्यानमाला : इसके अन्तर्गत अगस्त और अक्टूबर माह में एक-एक व्याख्यान प्रस्तुत किये गये - २७ अगस्त; विषय- जैनधर्म के चतुर्विध संघों की पारस्परिक सहभागिता; वक्ता- डॉ० अरुण प्रताप सिंह ४ अक्टूबर; विषय- कन्नड़ जैन साहित्य; वक्ता- प्रो० एस०डी० वसन्तराज ११ अक्टूबर; विषय- मानव जीवन अशान्त क्यों; वक्तृ– श्रमणी उज्जवल प्रज्ञा जी। (३) मासिक व्याख्यानमाला : इसके अन्तर्गत निम्नलिखित व्याख्यान आयोजित किये गये - ३० अगस्त; विषय- संस्कृत साहित्य में कला के तत्त्व; वक्ता- प्रो० आनन्दकृष्ण २१ सितम्बर; विषय- प्रारम्भिक जैन मूर्तियाँ; वक्ता- प्रो० रमेश चन्द्र शर्मा ६ अक्टूबर; विषय- वैदिक साहित्य में जैन तत्त्व; वक्ता- प्रो० सत्यपाल नारंग। ४ नवम्बर; विषय- जैन दर्शन और उसकी २१वीं शती में उपादेयता वक्ता- प्रो०एस०आर०भट्ट ३०नवम्बर; विषय - पूर्वोत्तर भारत में प्रारम्भिक जैन धर्म का इतिहास, वक्ता- प्रो०बी०एन० मुकर्जी . पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय से सम्बद्धता की प्रक्रिया प्रारम्भ पार्श्वनाथ विद्यापीठ काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से शोधकार्य हेतु सम्बद्ध है जिसके अन्तर्गत केवल वहीं के छात्र ही यहां शोधकार्य कर सकते हैं। इस बाधा को दूर करने Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525039
Book TitleSramana 1999 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1999
Total Pages202
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size8 MB
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