SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 182
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १७८ मित्तल के व्याख्यान हुए। इस कार्यक्रम में विद्यापीठ के निदेशक एवं उनके सभी सहयोगियों ने भाग लिया। ४-५ अगस्त को गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद में आयोजित 'जैन-बौद्ध दर्शन' पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में संस्थान के निदेशक डॉ० भागचन्द्र जैन ने भाग लिया और 'The Concept of Dharma in Jainism and Buddhism' विषय पर अपना शोधलेख प्रस्तुत किया, साथ ही एक सत्र की अध्यक्षता भी की। विद्यापीठ के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ० अशोक कुमार सिंह तथा डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय के निर्देशन में शोधकार्य करने वाले विद्यार्थी नियमित रूप से संस्थान के पुस्तकालय का उपयोग कर रहे हैं। वाराणसी के तीनों विश्वविद्यालयों के साथ-साथ देश के अन्य विश्वविद्यालयों में संस्कृत, प्राकृत, पालि, हिन्दी, राजनीतिशास्त्र, इतिहास, पुरातत्त्व, भारतीय कला, भारतीय दर्शन आदि विभिन्न विषयों में शोधकार्य करने वाले विद्यार्थी प्रारम्भ से ही यहाँ के समृद्ध पुस्तकालय का उपयोग करते रहे हैं। यह क्रम निर्बाध रूप से आज भी जारी है। बाहर से अध्ययनार्थ आने वाले छात्र-छात्राओं को यहाँ के अतिथिगृह एवं छात्रावासों में ठहरने की सुविधा भी प्रदान की जाती है। जुलाई मास' में बीकानेर की श्रीमती बबीता जैन एवं आरा की कु० सीमा सिन्हा ने विद्यापीठ के अतिथिगृह का उपयोग किया। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की शोधछात्रा कु० सत्यभामा सिंह विगत दो मास से संस्थान के महिला छात्रावास में नियमित रूप से रहते हुए यहाँ के पुस्तकालय का उपयोग कर रही हैं। ere Sari Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525038
Book TitleSramana 1999 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1999
Total Pages200
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy