________________
१७९
रखमीमाक्त स्वजैन विद्या उच्च अध्ययन केन्द्र
RE
SA
C.
भूमि
Masa
S
R
A
M
जैन-जगत्
प्राकृत भाषा और साहित्य सम्बन्धी ग्रीष्मकालीन अध्ययनशाला सम्पन्न
नई दिल्ली १३ जून : भोगीलाल लहेरचन्द इन्स्टीट्यूट ऑफ इण्डोलॉजी, दिल्ली द्वारा प्रतिवर्ष मई-जून माह में प्राकृत भाषा और साहित्य के अध्ययन के लिये एक कार्यशाला का आयोजन पिछले ११ वर्षों से किया जा रहा है। इसमें समग्र भारत के विश्वविद्यालयों- महाविद्यालयों के लगभग ४० वरिष्ठ अध्यापकों एवं शोधछात्रों को पूर्णकालिक अध्येता के रूप में प्रवेश दिया जाता है। इस वर्ष इस कार्यशाला का उद्घाटन २३ मई को त्रिपुरा के राज्यपाल श्री सिद्धेश्वर प्रसाद ने किया। अध्ययनशाला के समापन के अवसर पर भारत सरकार के स्वास्थ्य मन्त्रालय के सचिव श्री बाल्मीकि प्रसाद सिंह एवं इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, नई दिल्ली के सचिव श्री मुनीशचन्द्र जोशी विशेष रूप से आमन्त्रित किये गये। इस समारोह में प्राकृत भाषा के दोनों पाठ्यक्रमों में तीन-तीन सर्वोच्च अंक प्राप्तकर्ताओं को पुरस्कार एवं अन्य अध्येताओं को प्रमाणपत्र वितरित किया गया। पार्श्वनाथ विद्यापीठ के शोधछात्र श्री अतुल कुमार प्रसाद सिंह ने प्राकृत भाषा के प्रारम्भिक पाठ्यक्रम में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर प्राकृत भाषा
और साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय शोधकार्य के लिये सुप्रसिद्ध विद्वान् प्रो० ए०एम०घाटगे को चतुर्थ आचार्य हेमचन्द्रसूरि पुरस्कार प्रदान किया गया। इस समारोह में राज्यसभा के सचिव श्री आर०सी० त्रिपाठी, प्रो० सत्यरंजन बैनर्जी,
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org