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________________ श्रमण प्रेक्षाध्यान एवं भावातीत ध्यान : एक चिन्तन ___ डॉ० सुधा जैन भारतीय साधना-पद्धति की मुख्य दो धाराएँ हैं - श्रमण और ब्राह्मण। श्रमण परम्परा में जैन एवं बौद्ध आते हैं। ब्राह्मण परम्परा में- वेद, पुराणादि में विश्वास करने वाले आते हैं। ब्राह्मण परम्परा के विचार भी अध्यात्म की अभिमुखता लिए हुए हैं, फिर भी पद्धतियों की अपनी स्वतन्त्रता तो होती ही है। सम्पूर्ण भारतीय दर्शन ने चरित्र को प्रधानता दी है। बिना चरित्र के केवल दर्शन का उतना महत्त्व नहीं होता है, जितना कि होना चाहिए। आचरण सम्यक् होता है तो दर्शन भी सम्यक् होता है और दर्शन सम्यक् होता है तो आचरण को भी सम्यक् होने की प्रेरणा मिलती है। जैन दर्शन ने जिस विचार और साधना-पद्धति का निरूपण किया, वह सम्यग्दर्शन, ज्ञान और चारित्र की त्रिपुटी है? यही कारण है कि जैन साधना-पद्धति 'मोक्षमार्ग' के नाम से भी प्रसिद्ध है। इसी प्रकार बौद्ध साधना-पद्धति को विशुद्ध-मार्ग और सांख्य साधना-पद्धति को विवेक ख्याति के रूप में निरूपित किया गया। किन्तु कोई भी साधना-पद्धति, चाहे वह किसी भी नाम से पहचानी गई हो, उसका मूल ध्येय चित्त की विशुद्धि, कषाय पर विजय और परम स्वरूप को प्राप्त करना है। अष्टाङ्गयोग का जो व्यवस्थित रूप बना उसमें महर्षि पतञ्जलि की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। ब्राह्मणिक योग का विकास महर्षि पतञ्जलि से आरम्भ होता है। इसका अर्थ यह नहीं कि महर्षि पतञ्जलि योग के प्रवर्तक हैं; बल्कि उन्होंने योगमार्ग को व्यवस्थित कर अपने ग्रन्थ में विस्तृत व्याख्या की है। योग का पथ महर्षि पतञ्जलि से पूर्व भी था तभी तो उन्होंने प्रथम सूत्र में 'अथ योगानुशासनम्'२ से उसकी व्यवस्था की चर्चा की है और यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि को विभाजित कर साधना का विकास-क्रम बताया है। यम से धारणा तक का सारा उपक्रम ध्यान की उपलब्धि के लिए है। धारणा की सघनता ध्यान और ध्यान की सघनता ही समाधि बनती है। ध्यान अथवा समाधि की साधना सभी परम्पराओं में समान रूप से प्रतिष्ठित है। *. प्रवक्ता, पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525037
Book TitleSramana 1999 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1999
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size8 MB
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