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श्रामाणा प्रस्तुत अंङ्क में
पृष्ठ संख्या भारतीय दर्शन में तनाव-अवधारणा के विविध रूप १-८ प्रो० सुरेन्द्र वर्मा जैनयोग में अनुप्रेक्षा
९-१५ समणी मंगलप्रज्ञा जैन साहित्य और दर्शन में प्रभाचन्द्र का योगदान
१६-२० शिवाकान्त वाजपेयी अजरामर स्वामी
२१-२६ डॉ० रमणलाल जी शाह, अनु०- श्री भंवरलाल नाहटा जोगरत्नसार (योगरत्नसार)
२७-४४ श्रीमती डॉ० मुनी जैन छन्द की दृष्टि से तित्थोगाली .....
४५-५९ अतुल कुमार प्रसाद सिंह बीसवीं सदी के जैन आन्दोलन
६०-७० डॉ० कमलेश कुमार जैन जैन विद्या के विकास के हेतु रचनात्मक कार्यक्रम ७१-७८ दुलीचन्द्र जैन साहु सरणं पवज्जामि
७९-८२ डॉ० पानमल सुराणा कांगड़ा के ऐतिहासिक किले ..
८३-८४ श्री महेन्द्र कुमार 'मस्त' एलोरा की जैन सम्पदा
८५-८७ आनन्द प्रकाश श्रीवास्तव तपागच्छ-विजयसंविग्न शाखा का इतिहास
८८-१०६ शिवप्रसाद नागपुरीयतपागच्छ का इतिहास
१०७-१२१ शिवप्रसाद The Image of Indian Etholohy
122-136 Rajmal Jain साहित्य सत्कार
१३७-१४९ जैन जगत
१५०-१५८ निबन्ध प्रतियोगिता
१५९-१६२ Composed at: Rajesh Computers, Jal Prakash Nagar, Vns. Ph. 220599