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श्रमण/ जनवरी-मार्च/१९९९
पञ्चाशकप्रकरणम् पुरस्कृत
पार्श्वनाथ विद्यापीठ के लिये यह अत्यन्त हर्ष और गौरव का विषय है कि उसके द्वारा प्रकाशित पञ्चाशकप्रकरणम् को उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान, लखनऊ द्वारा पुरस्कृत किया गया है। आचार्य हरिभद्रसूरि द्वारा विरचित इस कृति का सम्पादन प्रो० सागरमल जैन एवं कमलेश कुमार जैन तथा इसका हिन्दी अनुवाद गुजरात विश्वविद्यालय, अहमदाबाद के संस्कृत-प्राकृत विभाग के प्रवक्ता, युवाविद्वान् डॉ० दीनानाथ शर्मा ने किया है। ज्ञातव्य है कि विद्यापीठ द्वारा प्रकाशित
विभिन्न ग्रन्थों को अबतक कई पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।
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