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________________ श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक लेख वर्ष Jain Education International ३ ४ * * * * * * १५ संत विनोबा श्री सतीश कुमार डॉ० देवेन्द्र कुमार जैन For Private & Personal Use Only .8 m x 5 w or mor v org x 5 o ई० सन् १९७० १९७० १९७० १९७० १९६९ १९६४ १९५९ १९७१ १९६९ १९६७ १९५४ १९७९ १९६५ १९७३ साहित्य और साहित्यिक साहित्य भवन के निर्माण का शुभारंभ सिरिपालचरिउ : एक मूल्याकंन सिरिपालचरिउ : संदर्भ और शिल्प सिद्धर्षिगणिकृत उपमितिभवप्रपंचाकथा सिद्धिविनिश्चय और अकलंक सिंहदेव रचित एक विलक्षण महावीरस्तोत्र सोमदेवकृत यशस्तिलक स्वयंभू और उनका पउमचरिउ स्वयंभू का कृष्णकाव्य और सूरकाव्य के अध्ययन - की समस्याएँ त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित में गणधरवाद त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित में महावीर चरित त्रिषष्टिशलाकापरुषचरित में रसोद भावना पृष्ठ ५-१३ २२-२८ २४-२९ २०-२७ ५-१३ १५-२८ २४-२७ ३-७ ५-१४ २६-३१ ३१-३२ २०-२५ २-७ ३-१३ * * * * १८ श्री गोपीचंद धारीवाल पं० दलसुख मालवणिया श्री अगरचंद नाहटा श्री गोकुलचंद जैन डॉ० देवेन्द्रकुमार जैन ३० १६ २५ ९ १-२ डॉ० मंजुला मेहता www.jainelibrary.org * * * * d uw on १९७९ १९७७ १९७६ १९७७ ३३-३५ ११-१६ १६-२२ १५-२० "
SR No.525035
Book TitleSramana 1998 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages168
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
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