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________________ ३८६ Jain Education International लेख For Private & Personal Use Only वीर हनुमान: स्वयंभू कवि की दृष्टि में वीरों का श्रृंगार : अहिंसा वैराग्य क्या है ? वैदिक धर्म तथा जैन धर्म शांति का अमोघ अस्त्र-क्षमा शीतऋतु का आहार-विहार शीलव्रत: एक विवेचन शीलव्रत ग्रहण शुद्ध-अशुद्ध भावधारा शुद्धि, चिकित्सा और सिद्धि का महान् पर्व-संवत्सरी शुद्धि प्रयोग का झांकी शुद्ध व्यवहार का आन्दोलन श्वेताम्बर पण्डित परम्परा श्वेताम्बर-परम्परा में श्रावक के गुण और भेद । श्रद्धा का क्षेत्र श्रमण-आचार : एक परिचय श्रमण : एक व्याख्या श्रमण जीवन का बदलता हुआ इतिहास श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक श्रीरंजन सूरिदेव श्रीनारायण सक्सेना स्व० छोटालाल हरजीवन सुशील पं० के० भुजबली शास्त्री मुनि ललितप्रभ सागर वैद्यराज पं० सुंदरलाल जैन श्री सनतकुमार जैन श्री रघुवीरशरण दिवाकर युवाचार्य महाप्रज्ञ युवाचार्य महाप्रज्ञ मुनिश्री नेमिचन्द्र जी श्री किशोरीलाल मशरूवाला श्री अगरचन्द नाहटा श्री कस्तूरमल बांठिया पं० दलसख मालवणिया श्री रमेशमनि शास्त्री श्री महेन्द्रकुमार जैन मुनिश्री आईदान जी If a war or arm uma ag oo w na ई० सन् १९७४ १९६५ १९६४ १९७८ १९८३ १९५४ १९७९ १९५१ १९८७ १९८४ १९६४ १९५१ १९८७ १९६६ १९५२ १९७६ १९६१ १९५६ पृष्ठ ९-१५ ३-८ २२-२९ ९-१३ २९-३१ १९-२० १०-१८ १२-१३ २-६ २-३ ९-१३ १४-१८ १०-१३ ३-१४ ९-१२ ३-७ ११-१३ २९-३४ १३ www.jainelibrary.org
SR No.525035
Book TitleSramana 1998 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages168
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
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