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________________ 2 Jain Education International ई० सन् १९५२ १९६७ ३५ १९८४ श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक ___ वर्ष डॉ० वासुदेवशरण अग्रवाल पं० बेचरदास दोशी १९ श्री चिमनलाल चकुभाई शाह श्री वृजनन्दन मिश्र श्री ज्ञानमुनि जी महाराज डॉ० बी० सी० जैन ३२ डॉ० श्रीरंजन सरिदेव २४ उपाध्याय श्री अमरमुनि ३२ श्री अर्हद्दास दिगे १९ डॉ० सागरमल जैन ३४ लेख तप के प्रतीक महावीर तप क्या है ? तपश्चर्या-उपवास तपोधन महावीर तृष्णा और उसका अंत तीर्थंकर त्रिरत्न : मोक्ष के सोपान दयामूर्ति : धर्मरुचि अनगार दशधर्म योग साधना है दशलक्षण/दशलक्षण धर्म के । दान, शील, तप, भाव के रचयिता और दानकुलक का पाठ दिगम्बर परम्परा में श्रावक के गुण और भेद दिवाभोजन ही क्यों ? धर्म और अधर्म धर्म और धार्मिक धर्म और पुरुषार्थ धर्म और सहिष्णुता For Private & Personal Use Only sra are my or 9 24 पृष्ठ ८ १४-१९ २०-२२ ५६-५७ १९-२० ८-१० २२-२६ ५-७ ३१-३६ १३-२८ १९६१ १९५६ १९८१ १९७३ १९८१ १९६८ १९८३ श्री अगरचंद नाहटा. श्री कस्तुरमल बांठिया डॉ० महेशदान सिंह चौहान डॉ० मोहनलाल मेहता डॉ० आदित्य प्रचण्डिया पं० सुखलाल जी डॉ० ज्योतिप्रसाद जैन २० १९७३ १९६५ १९५५ १९६९ १९८३ १९६० १९६४ www.jainelibrary.org १८-२४ ५६-६६ ३३-३४ ५-७ २०-२१ १४-१७ ३३-३४ ३४ १५ ५-६
SR No.525035
Book TitleSramana 1998 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages168
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
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