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वर्ष
अंक
३६४ लेख मुनि वारिषेण का सम्यकत्त्व मूल्य और मूल्यबोध की सापेक्षता का सिद्धांत मूल्यों का संकट और आध्यात्मिकता मोक्ष मीमांसा में जैन दर्शन का योगदान यज्ञ : एक अनुचिन्तन - क्रमश:
श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक डॉ० श्रीरंजन सूरिदेव डॉ० सागरमल जैन डॉ० देवेन्द्र कुमार श्री धन्यकुमार राजेश श्री सुदर्शनलाल जैन
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डॉ० मोहनलाल मेहता पं० अम्बालाल प्रेमचन्द शाह
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ई० सन् - १९६४ १९९२ १९६५ १९७१ १९६६ १९६६ १९६९ १९६६ १९६५ १९७६ १९६१ १९६१ १९६७ १९६९ १९६७ १९६० १९९३
पृष्ठ ४२-४७ १-२२ २०-२३ ३-९ ३१-३८ १५-२७ ५-७ २९-३९ ७३-८४ १४-१७ १२-१५ १०-११ ५-१७ २२-२५ ३२-३६ १६-१९ ११-१६
रूपी और अरूपी लब्धिफल लब्धियां लेश्या : एक विश्लेषण वनस्पति की गतिशीलता वनस्पति विज्ञान वास्तविकतावाद और जैन दर्शन विग्रहगति एवं अन्तराभव विश्व का निर्माण तत्त्व : द्रव्य विश्व विज्ञान वृत्ति : बोध और विरोध
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श्री रमेशमुनि शास्त्री श्री कोमलचन्द शास्त्री श्री पं० बेचरदास दोशी मुनिश्री महेन्द्रकुमार द्वितीय' डॉ० कोमलचंद जैन डॉ० श्रीरंजन सरिदेव पं० बेचरदास जी दोशी महोपाध्याय चन्द्रप्रभसागर
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