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________________ वर्ष अंक ई० सन् पृष्ठ Jain Education International २४ २४ २ २ १९७२ १९७२ २८-२९ ३०-३४ سه २४ For Private & Personal Use Only ९० श्रमण : अतीत के झरोखे में लेख लेखक क्या कृष्णगच्छ की स्थापना सम्वत् १३९१ में हुई थी ? श्री अगरचन्द नाहटा विश्वेश्वरकृत श्रृंगारमंजरीसट्टक का अनुवाद (क्रमश:) डॉ० के० आर० चन्द्र मिथ्यात्त्व इन जैनिज्म एण्ड शंकर : ए कम्परेटिव स्टडी ललित किशोरलाल श्रीवास्तव प्रमाण स्वरूप विमर्श डॉ० सुदर्शनलाल जैन क्षत्रचूड़ामणि में उल्लिखित कतिपय नीतिकाव्य श्री उदयचन्द जैन 'प्रभाकर' त्रिरत्न : मोक्ष के सोपान श्रीरंजन सूरिदेव जैनदर्शन में ज्ञान का स्वरूप श्री रामजी सिंह विश्वेश्वरकृत श्रृंगारमंजरीसट्टक का अनुवाद (क्रमश:) डॉ० के० आर० चन्द्र गोम्मट आइडोल्स ऑफ कर्णाटक पं० के० भुजबलि शास्त्री पुनर्जन्मसिद्धान्त की व्यापकता श्री देवेन्द्रमुनि शास्त्री पउमचरिउ और रामचरितमानस : एक तुलनात्मक अध्ययन डॉ. देवेन्द्रकुमार जैन आषुतोष म्यूजियम में नागौर का एक सचित्र विज्ञप्तिपत्र श्री अगरचन्द भंवरलाल नाहटा प्राचीन जैनग्रन्थों में कृषि डॉ० अच्छेलाल यादव به سه سه به سه १९७२ १९७३ १९७३ १९७३ १९७३ ३५-४१ ३-११ १२-२१ २२-२६ २७-३२ २४ سه سه » १९७३ १९७३ १९७३ ३३-३५ ३६-३८ ३-१० २४४ २४ » १९७३ ११-१४ www.jainelibrary.org २४ २४ ४ » » १९७३ १९७३ १५-१९ २४-२७
SR No.525034
Book TitleSramana 1998 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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