________________
लेख
श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक श्री गणेश प्रसाद जैन श्री उदय जैन
वर्ष
अंक
Jain Education International
८१ ई० सन् पृष्ठ १९७०२४-२७ १९७० २८-३१
२१
९
For Private & Personal Use Only
२१ २१ २१
कवि पुष्पदन्त की रामकथा अहिंसा का विराट रूप जैन आचारशास्त्र की गतिशीलता का समाजशास्त्रीय अध्ययन पुराण बनाम कथा साहित्य : एक प्रश्नचिन्ह प्राकृत के विकास में बिहार की देन भक्तामरस्तोत्रके श्लोकों की संख्या ४४या ४८ भारतवर्ष के मूलनिवासी श्रमण जिनमार्ग जैनसाहित्य में स्तूपनिर्माण की प्रथा पावा कहां ? गंगा के उत्तर में या दक्षिण में भम्तामरस्तोत्र के पाद पूर्तिरूप स्तवकाव्य श्रमण संस्कृति की प्राचीनता हेल्मुथ फोन ग्लासनप और जैनधर्म उत्तर भारतीय शिल्प में महावीर ऋषभपुत्र भरत और भारत पुष्पदन्त और सूर का कृष्णलीला चित्रण
श्री धन्यकुमार राजेश डॉ० प्रेमचन्द जैन श्रीरंजन सूरिदेव श्री अगरचन्द नाहटा श्री गणेश प्रसाद जैन श्री कस्तरचंद ललवानी डॉ० हरिहर सिंह मुनिश्री महेन्द्र कुमारजी 'प्रथम' श्री अगरचन्द नाहटा श्री देवेन्द्रमुनि शास्त्री श्री सुबोध कुमार जैन श्री मारुति नंदन तिवारी श्री गणेश प्रसाद जैन डॉ० देवेन्द्र कुमार जैन
२१
0.8.20AMAAAAAA
१९७० १९७० १९७० १९७० १९७० १९७० १९७० १९७० १९७० १९७० १९७० १९७० १९७० १९७०
३-१२ १३-१९ २०-२६ २७-३१ ३२-३७ ३-१५ १६-२२ २३-२४ २५-२९ ३-१२ १३-१७ १८-२३ २४-३२ ३-११
२१ २१ २१ २१
www.jainelibrary.org