SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 51
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रमण : अतीत के झरोखे में 47 Jain Education International वर्ष 12 12 12 - For Private & Personal Use Only लेख महावीर के जीवन पर नया प्रकाश साधुसंस्था और लोकशिक्षण 'नौ' का अंक महावीर का अन्तस्तल अभिमान बुरा है लोकशिक्षण के गुण व योग्यताएँ एक अज्ञात ग्रन्थ की उपलब्धि सात शत्रु, सात मित्र महातपस्वी श्री निहालचन्द्र जी पर्युषण : परिचय और व्याख्या पर्युषण पर्व का मतलब पर्युषण : आत्म चिन्तन से सामाजिक चिंतन की ओर पर्युषण और सामाजिक शुद्धि पर्युषण और बौद्ध धर्म पर्युषण और पश्चाताप संवत्सरी लेखक श्री कस्तूरमल बांठिया मुनिश्री नेमीचन्द जी डॉ० नवरत्न कपूर श्री सूरजचन्द सत्यप्रेमी श्री ज्ञानमुनि जी मुनिश्री नेमिचन्द्र जी श्री अगरचन्द नाहटा श्री सच्चिदानन्द श्री मुनिलाल जैन सुश्री शरबती जैन भाई बंशीधर ई० सन् पृष्ठ 1961 31-33 1961 - 35-40 1961 1961 17-19 1961 22-23 1961 24-25 1961 29-30 1961 31-32 1961 33-38 1961 9-11 1961 13-14 12 12 12 -222222224AARAM डॉ. देवेन्द्र कुमार जैन मुनि श्री नेमिचन्द जी श्री उदयचन्द जैन मुनि श्री कन्हैयालाल श्री समीर मुनि 'सुधाकर' 12 www.jainelibrary.org 1961 1961 1961 1961 1961 15-17 19-22 27-30 30 31-35 12
SR No.525034
Book TitleSramana 1998 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy