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________________ लेख Jain Education International वर्ष 12 अंक 6-7 6-7 6-7 6-7 6-7 6-7 महामानव महावीर शीलपरायण महावीर ब्रह्मनिष्ठ महावीर तपोधन महावीर शांतिदूत महावीर महावीर के समकालीन आचार्य साधु शिक्षक बनें श्रीमद् भागवत में ऋषभदेव जैन साधुओं का संस्थारूपी परिग्रह विचार शक्ति बसुमती महाकाव्य बदलते सामाजिक मूल्य और हमारा चिन्तन जैन दर्शन का शब्द विज्ञान वीतराग महावीर भारतीय दर्शनों की आत्मा सुख की मूर्ति : दुख की परछाई भारतीय दर्शनों की समन्वय परम्परा उपकारी पशुओं की यह दुर्दशा For Private & Personal Use Only श्रमण : अतीत के झरोखे में . लेखक श्री भ्रमर कुमार मुनिश्री कन्हैयालाल जी 'कमल' वैद्य अमरचन्द्र जैन श्री वृजनन्दन मिश्रा कुमारी ललिता जैन श्री गोकुलचन्द जैन श्री सुबोध मुनि श्री रमाकान्त झा श्री माई लाल जैन श्री माता जी श्री अगरचन्द नाहटा श्री गोकुलचन्द जैन श्री मनोहर मुनि जी श्री कृष्णचन्द्राचार्य उपाध्याय श्री अमरमुनि / श्री मानकचन्द डॉ० देवराज पं० अमृतलाल शास्त्री ई० सन् 1961 1961 1961 1961 1961 1961 1961 1961 1961 1961 g g g g g g 2 5 5 5 5 5 5 5 wuuuuuaaaaa पृष्ठ 50-51 52-53 54-55 56-57 58 65-69 70-72 73-75 9-10 12-14 17-20 21-22 28-31 7-8 9-11 13-14 21-25 26-29 www.jainelibrary.org 1961 1961 1961 1961 1961 1961 1961 12
SR No.525034
Book TitleSramana 1998 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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