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________________ har 8 लेख अंक Jain Education International 9 9 9 9 9 ७ ४ 9 For Private & Personal Use Only 9 श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक पं० महेन्द्रकुमार न्यायाचार्य डॉ० मंगलदेव शास्त्री श्री अगरचन्द नाहटा प्रभुदास बालू भाई पटवारी महेन्द्र राजा श्री विनोद राय जैन साहू शान्ति प्रसाद जी श्री मोहनलाल मेहता श्री प्रेमी जी श्री अगरचन्द नाहटा श्री कस्तूरमल बांठिया डॉ० मङ्गलदेव शास्त्री देवेन्द्र कुमार शास्त्री श्री जमनालाल जैन प्रो० देवेन्द्र कुमार मुनि सुरेशचन्द्र शास्त्री श्री अगरचन्द नाहटा जैन इतिहास की एक झलक जैन दर्शन की देन : अनेकांत दृष्टि जैन रास साहित्य बाल संन्यास दीक्षा प्रतिबन्धक बिल उचित है। पुस्तक सूची (क्रमश:) दुर्बलता का पाप जैन समाज के लिए नई दिशा जैन आगमों की नियुक्तियां संसार की चार उपमाएं ज्योतिर्धर दो जैन विद्वान्-हरिभद्र और यशोविजय अहिंसक मधु भगवान् महावीर : एक श्रद्धांजलि पुनीत स्मरण ! अहिंसक समाज की रचना मानव संस्कृति और महावीर एक नया पुरोहितवाद जैनागमों में महावीर के जीवनवृत्त की सामग्री ई० सन् १९५६ १९५६ १९५६ १९५६ १९५६ १९५६ १९५६ १९५६ १९५६ १९५६ १९५६ १९५६ १९५६ १९५६ १९५६ १९५६ १९५६ पृष्ठ ३-८ १३-१४ १५-१६ १८-२३ २७-२९ ३०-३४ ३-७ ९-१२ १३-१४ १६-१९ २४-२९ ३-८ ९ १०-१९ २२-२५ २७-३१ ३४-३८ 9 9 9 9 9 ६-७ ७६-७ ७६-७ ६-७ ६-७ 9 www.jainelibrary.org 9
SR No.525034
Book TitleSramana 1998 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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