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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org लेख राज्य का त्यागः त्यागी से भय स्वप्न और विचार बंगलौर का आदिनाथ जैन मंदिर जैन अध्यात्मवाद : आधुनिक संदर्भ में धर्म और धार्मिक जैन स्तोत्रों में नवधा भक्ति क्षमा-वाणी दशलक्षण / दशलक्षण धर्म के शांति का अमोध अस्त्र - क्षमा क्षमा की शक्ति जैन एकता का स्वरूप व उसके उपाय जैन एकता : सूत्र व सुझाव भगवान् महावीर का निर्वाण-कल्याणक क्या हम अपराधी नहीं हैं ? भगवान् महावीर और विश्वशांति भाग्यवान् अन्धा पुरुष जैनदर्शन में मोक्ष का स्वरूप : भारतीय दर्शनों के परिप्रेक्ष्य में श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक गणेश ललवाणी मुनि सुखलाल भूरचन्द जैन डॉ० सागरमल जैन डॉ० आदित्य प्रचण्डिया श्री धर्मचन्द जैन मुनिश्री चन्द्रप्रभ सागर डॉ० सागरमल जैन मुनि ललितप्रभ सागर मुनि महेन्द्र कुमार जी 'प्रथम' स्व० श्री अगरचन्द नाहटा श्री जसकरण डागा उपाध्याय अमर मुनि श्री जिनेन्द्र कुमार डॉ० निजामुद्दीन मुनि महेन्द्र कुमार डॉ० सुदर्शनलाल जैन वर्ष ३४ ३४ ३४ ३४ ३४ ३४ ३४ ३४ ३४ ३४ ३४ ३४ ३५ ३५ ہے ہے ہے ہے ३५ ३५ ३५ अक ތ އ १० १० १० ११ ११ ११ ११ १२ १२ ई० सन् १९८३ १९८३ १९८३ १९८३ १९८३ १९८३ १९८३ १९८३ १९८३ १९८३ १९८३ १९८३ १९८३ १९८३ १९८३ १९८३ १९८३ १३१ पृष्ठ १४- १९ २०-२१ २२-२३ १-१७ २०-२१ २५-२९ १-११ १३-२८ २९-३१ ३३-३८ १-२१ २२-४१ २-६ ७-८ १०-१३ १४-१६ १८-२४
SR No.525034
Book TitleSramana 1998 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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