SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 129
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १२५ Jain Education International अंक ११ ३२ पृष्ठ ३१-३२ ई० सन् १९८१ १९८१ १९८१ ३२ १९८१ १९८१ १९८१ १९८१ १९८१ For Private & Personal Use Only श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक साध्वीश्री कानकुमारी जी महात्मा भगवानदीन जी डॉ० सागरमल जैन डॉ० कामता प्रसाद मिश्र डॉ० नंदलाल जैन श्री शिवप्रसाद डॉ० कृपाशंकर व्यास जगदीश सहाय राजमल पवैया श्रीरंजन सूरिदेव श्री सौभाग्यमल जैन श्री सौभाग्यमल जैन मुनि रामकृष्ण डॉ० रतन कुमार जैन श्री रामदेव राम यादव श्री प्रकाश मेहता श्री अमरमुनि जी श्री भूरचन्द जैन लेख सच्ची क्षमा अपने को पहचानिये है श्वेताम्बर साहित्य में राम कथा विमलसूरि के पउमचरिउ का भौगोलिक अध्ययन अललित जैन साहित्य का अनुवाद : कुछ समस्याएँ न फलवर्द्धिका पार्श्वनाथ तीर्थ-एक ऐतिहासिक दृष्टि नय और निक्षेप-एक विश्लेषण नैतिकता का आधार ज्ञानदीप की शिखा महावीर-कालीन वैशाली नर्क का प्रश्न अपनी परमात्म शक्ति को पहचानें ज्ञान भी सम्पदा है कानों सुनी सो झूठ सब जैनधर्म में अहिंसा सिर्फ फैशन की खातिर स्नेह के धागे लोद्रवा का कलात्मक कल्पवृक्ष MMMMMM ~ ~ ~ ~ rrrrr mm १९८१ १९८१ १९८१ १९८१ १९८१ १९८१ १९८१ १९८१ १९८२ १९८२ ७-११ १२-२० २१-२६ २७-३१ ३५-४८ १-१८ १९ २०-२५ २६-२९ २-६ ७-११ १२-१५ १६-२२ २३-२४ २-७ १०-१३ ३३२ www.jainelibrary.org
SR No.525034
Book TitleSramana 1998 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy