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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org लेख स्याद्वाद सोमदेवकृत उपासकाध्ययन में शीलव्रत (क्रमश:) आगमिक व्याख्याएँ आधुनिक सन्दर्भ में जैन दर्शन सोमदेवकृत उपासकाध्ययन में शीलव्रत जैन आगम साहित्य में प्रमाणवाद हर्ष कीर्ति सूरि रचित धातु तरंगिणी वज्जालग्ग की कुछ गाथाओं के अर्थ पर पुनर्विचार (क्रमश:) समाज में महिलाओं की उपेक्षा एक विचारणीय विषय गृहस्थ के अष्टमूल गुण- तुलनात्मक अध्ययन जैन वाङ्गमय का संगीत पक्ष देवचन्द्रकृत यंत्रपद्धति का वस्त्र टिप्पणक और महावीर बुद्ध भारत का सर्व प्राचीन संवत् भगवान् महावीर का विचार तथा कृतित्व समस्त विश्व के लिए अनुपम धरोहर श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक कु० कुसुम जैन श्री सनतकुमार जैन डॉ० मोहनलाल मेहता श्री बृजकिशोर पाण्डेय श्री सनतकुमार जैन श्री गणेशमुनि शास्त्री श्री अगर चन्द नाहटा पं० विश्वनाथ पाठक डॉ० प्रेमचन्द जैन श्री अशोक पाराशर श्री प्यारेलाल श्रीमाल 'सरसं पंडित' श्री अगरचन्द नाहटा डॉ० देवसहाय त्रिवेद पं० के० भुजबली शास्त्री डॉ० रामकुमार वर्मा वर्ष ३० ३० ३० ३० ३० ३० ३० ३१ ३१ ३१ ३१ ३१ ܗ ܗ ३१ ३१ ३१ अंक ११ ११ १२ १२ १२ १२ १ १ १ १ १ १ ई० सन् १९७९ १९७९ १९७९ १९७९ १९७९ १९७९ १९७९ १९७९ १९७९ १९७९ १९७९ १९७९ १९७९ १९७९ १९७९ ११७ पृष्ठ २१-३३ ३४-३८ ३-१७ १८- २२ २३-२८ २९-३४ ३५-३८ ३-७ ८-१९ २०-२४ २५-२७ २८-२९ ३०-३४ ३५ ३६-३७
SR No.525034
Book TitleSramana 1998 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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