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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org १०८ लेख अकलंकदेव की दार्शनिक कृतियाँ आदीश जिन गुणस्थान- मनोदशाओं का आध्यात्मिक विश्लेषण जैनसाहित्य और शिल्प में रामकथा शब्दों की अर्थमीमांसा ऐतिहासिक जैन तीर्थ नांदिया प्राकृतभाषा के कुछ ध्वनि - परिवर्तनों की ध्वनि वैज्ञानिक व्याख्या अन्तराल गति श्रावस्ती का जैन राजा सुहलदेव प्राकृत हिन्दी कोश के महान् प्रणेता : पं० हरगोविन्ददास माणिक्यनन्दिविरचित परीक्षामुख Sixteen Vidyadevis as depicted in Temple at Kumbharia प्राचीन प्राकृत ग्रन्थों में उपलब्ध भगवान् महावीर का जीवन-चरित त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित में गणधरवाद व्युत्सर्ग आवश्यक श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक डॉ० मोहनलाल मेहता डॉ० प्रकाशचन्द्र जैन श्री अभयकुमार जैन श्री मारुति नन्दन प्र० तिवारी श्री रमेश मुनि शास्त्री श्री भूरचन्द जैन डॉ० देवेन्द्रकुमार जैन डॉ० बशिष्ठ नारायण सिन्हा श्री गणेशप्रसाद जैन श्री अगरचंद नाहटा डॉ० मोहनलाल मेहता Dr. Harihar Singh डॉ० के० आर० चन्द्र कु० मंजुला महेता श्री रमेशमुनि शास्त्री. वर्ष २८ २८ २८ २८ २८ २८ २८ R R R R R २८ २८ २८ २८ २८ २८ २८ २८ अंक ३ ma ४ ४ ㄨㄨ ४ ४ ४ ५ ६ 5 ई० सन् १९७७ १९७७ १९७७ १९७७ १९७७ १९७७ १९७७ पृष्ठ ३१-२४ १९७७ ३-७ १९७७ ८-१३ १९७७ १४-१८ १९७७ १९-२२ १९७७ २३-२४ १९७७ १९७७ १९७७ ३-८ ९-१८ १९-२१ २२-२६ २७-२९ २५-३२ ३-१० ११-१६ १७-२०
SR No.525034
Book TitleSramana 1998 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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