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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org १०२ लेख जैन साधना-पद्धति में सम्यग्दर्शन श्रावक में षट्कर्म मानतुंगसूरिरचित पंचपरमेष्ठिस्तोत्र जैन सरस्वती हंसवाहना या मयूरवाहना ? हीराणंदसूरि का विद्याविलास और उस पर आधारित रचनाएँ जैन दर्शन का स्याद्वाद सिद्धान्त जैन साहित्य में जनपद ब्राह्मी लिपि और ऋषभनाथ जैनागम-पदानुक्रम (क्रमश:) संस्कृत और प्राकृत का समानान्तर अध्ययन जालोर में महावीर-मन्दिर की शिल्प सामग्री का मूर्ति वैज्ञानिक अध्ययन जैनशास्त्रों में वर्णित १८ श्रेणियों का उल्लेख विक्रमलीलावतीचौपाईविषयक विशेष ज्ञातव्य जैनागम - पदानुक्रम (क्रमश:) श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक श्री रमेशमुनि शास्त्री डॉ० रमेशचन्द्र जैन श्री अगरचन्द नाहटा श्री शिवकुमार नामदेव श्री अशोककुमार मिश्र जैन श्री अभयकुमार डॉ० अच्छेलाल डॉ० देवेन्द्रकुमार जैन डॉ० मोहनलाल मेहता एवं श्री जमनालाल जैन श्री श्रीरंजन सूरिदेव श्री मारूति नन्दन प्र. तिवारी श्री ज्ञानचन्द श्री अगरचन्द नाहटा डॉ० मोहनलाल मेहता एवं श्री जमनालाल जैन वर्ष २६ २६ २६ २६ २६ 2222 २७ २७ २७ २७ २७ २७ अंक १२ १२ १२ १२ १२ १ १ १ WWW २ २ २ २ २ ई० सन् १९७५ १९७५ १९७५ १९७५ १९७५ १९७५ १९७५ १९७५ १९७५ १९७५ १९७५ १९७५ १९७५ १९७५ पृष्ठ ३-६ ७-१३ १४-१७ १८-२० २१-२६ ३-१४ १५-२४ २५-२८ २९-३१ ३-८ ९-१७ १८-२१ २२-२३ २४-२७
SR No.525034
Book TitleSramana 1998 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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