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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org लेख कुवलयमाला की मुख्य कथा और अवान्तर कथाएँ श्रीमालपुराण में भ० महावीर और गणधर गौतम विकृत वर्णन का मेड़ता - फलौदी पार्श्वनाथ तीर्थ भरतेशवैभव में प्रतिपादित सामाजिक एवं आर्थिक व्यवस्था (क्रमश:) भगवान् महावीर का ईश्वरवाद आचार्य हेमचन्द्रः जीवन, व्यक्तिव एवं कृतित्व गीता के राजस्थानी अनुवादक जैनकवि थिरपाल The Iconography of the Jaina yakshini Chakresvari भरतेशवैभव में प्रतिपादित सामाजिक एवं आर्थिक श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक डॉ० के० आर० चन्द्र श्री अगरचन्द नाहटा श्री भूरचन्द जैन श्री सुपार्श्वकुमार जैन डॉ० बशिष्ठ नारायण सिन्हा जैन श्री अभयकुमार श्री अगरचन्द नाहटा Shri M.N. P. Tiwari व्यवस्था श्री सुपार्श्वकुमार जैन जैन साधना-पद्धति में सम्यग्दर्शन (क्रमश:) श्री रमेशमुनि शास्त्री जैन रास की दुर्लभ हस्तलिखित प्रति विक्रम लीलावती चौपाई डॉ० सुरेन्द्रकुमार आर्य कारीतलाई की जैन द्विमूर्तिका प्रतिमाएँ जैनकवि जटमल कृत प्रेमविलासकथा शिल्पकला एवं प्राकृतिक वैभव का प्रतीक : जैसलमेर का अमर सागर श्री शिवकुमार नामदेव श्री अशोककुमार मिश्र श्री भूरचन्द जैन वर्ष २६ २६ २६ २६ २६ २६ mmmmm २६ २६ २६ २६ २६ २६ २६ २६ अंक ९ ९ ९ aa aa a १० १० १० १० १० or or or or or ११ ११ ११ ११ ११ ११ ई० सन् १९७५ १९७५ १९७५ १९७५ १९७५ १९७५ १९७५ १९७५ १९७५ १९७५ १९७५ १९७५ १९७५ १९७५ १०१ पृष्ठ २१-२५ २६-२८ २९-३३ ३-८ ९-१२ १३-१८ १९-२३ २४-३३ ३-८ ९-१२ १३-१४ १५-१९ २०-२३ २४-२७
SR No.525034
Book TitleSramana 1998 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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