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________________ १२२ श्रमण/जनवरी-मार्च/१९९८ महावीर पुरस्कार १९९८ एवं पूरणचन्द रिद्धिलता लुहाड़िया साहित्य पुरस्कार- १९९८ के लिये रचनायें आमंत्रित दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र महावीर जी द्वारा संचालित जैन विद्या संस्थान, श्रीमहावीर जी के वर्ष १९९८ के महावीर पुरस्कार के लिये जैन धर्म, दर्शन, इतिहास, साहित्य, संस्कृति आदि से सम्बन्धित किसी भी विषय की पुस्तक या शोध-प्रबन्ध की चार-चार प्रतियां दिनांक ३० सितम्बर १९९८ तक आमंत्रित की जा रही हैं। प्रथम स्थान प्राप्त कृति को ११००१ रुपये नकद एवं प्रशस्ति पत्र तथा द्वितीय स्थान प्राप्त कृति को ब्र० पूरणचन्द रिद्धिलता लुहाड़िया साहित्य पुरस्कार रु० ५००१ एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जायेगा। ३१ दिसम्बर १९९४ के बाद प्रकाशित पुस्तकें ही इसमें सम्मिलित की जायेंगी। अप्रकाशित कृतियों की टंकित या फोटोस्टेट की हई तीन प्रतियां जो जिल्द बंधी हों, भेजनी आवश्यक है। नियमावली तथा आवेदन का प्रारूप प्राप्त करने के लिये निम्न पते पर पत्र व्यवहार करें जैन विद्या संस्थान कार्यालय, दिगम्बर जैन नसियां भट्टारक जी, सवाई राम सिंह रोड, जयपुर- ४ वर्ष १९९७ का महावीर पुरस्कार डॉ० रमेशचन्द जैन, बिजनौर को उनकी कृति 'दिगम्बरत्व की खोज' तथा ब्र० पूरणचन्द रिद्धिलता लुहाड़िया पुरस्कार डॉ० भागचन्द जैन 'भास्कर' को उनकी कृति 'मानवधर्म और पर्यावरण' पर प्रदान किया गया। स्वयंभू पुरस्कार १९९८ के लिये कृतियां आमंत्रित दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्रीमहावीर जी द्वारा संचालित अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जयपुर के वर्ष १९९८ के 'स्वयंभू पुरस्कार' के लिए अपभ्रंश साहित्य से सम्बन्धित विषय पर हिन्दी अथवा अंग्रेजी में रचित रचनाओं की चार प्रतियाँ ३० सितम्बर १९९८ तक आमन्त्रित हैं। इस पुरस्कार में ११००१/- रुपये एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जायेगा। ३१ दिसम्बर १९९३ से पूर्व की प्रकाशित तथा पहले से पुरस्कृत कृतियाँ सम्मिलित नहीं की जायेंगी। अप्रकाशित कृतियाँ भी प्रस्तुत की जा सकती हैं, उनकी तीन प्रतियाँ स्पष्ट टंकण/फोटोस्टेट की हुई तथा जिल्द बंधी होनी चाहिए। पुस्तकें संस्थान की सम्पत्ति रहेंगी और वे लौटाई नहीं जायेंगी। नियमावली तथा आवेदन पत्र का प्रारूप प्राप्त करने के लिए अकादमी कार्यालय दिगम्बर जैन नसियाँ भट्टारकजी, सवाई रामसिंह रोड, जयपुर- ४ से पत्र व्यवहार करें। वर्ष- १९९७ के स्वयंभू पुरस्कार के लिए कोई कृति प्राप्त नहीं हुई।
SR No.525033
Book TitleSramana 1998 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshokkumar Singh, Shivprasad, Shreeprakash Pandey
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1998
Total Pages136
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size10 MB
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