SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 99
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रमण सम्मान एवं पुरस्कार प्रो० सागरमल जैन को आचार्य हस्ति स्मृति सम्मान पीपाड़ सिटी, ११ अक्टूबर, पार्श्वनाथ विद्यापीठ के लिये यह अत्यन्त हर्ष और गौरव का विषय है कि संस्थान के निदेशक प्रो० सागरमल जैन को जैन धर्म, दर्शन, साहित्य, संस्कृति आदि के क्षेत्र में सर्वोत्कृष्ट सेवा के लिए सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडल, जयपुर द्वारा राजस्थान प्रान्त के पीपाड़ शहर में एक भव्य समारोह में आचार्य हस्ति स्मृति सम्मान १६६४ से सम्मानित किया गया। डॉ० जैन इसके पूर्व भी अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किए जा चुके हैं। ज्ञातव्य है कि इसी अवसर पर जैन विद्या के मूर्धन्य मनीषी पद्मभूषण पं० दलसुखभाई मालवणिया, अहमदाबाद, प्रो० प्रेमसुमन जैन, उदयपुर और प्रो० भागचन्द्र जैन 'भास्कर' भी इसी पुरस्कार से अलग-अलग वर्षों के लिए सम्मानित किये गये । युवाचार्य महाश्रमण को हार्दिक बधाई Jain Education International आपका ( युवाचार्य महाश्रमण ) जन्म वि०सं० २०१६ वैशाख शुक्ला नवमी ( १३ मई, १६६२) को सरदार शहर में हुआ। आपका बचपन का नाम मोहन लाल था । बाल्यकाल से ही आपमें अलौकिक एवं विलक्षण प्रतिभाएँ विद्यमान थीं। बारह वर्ष की अवस्था में आपके मन में वैराग्य का अंकुर फूटा और आपने अपने मन की भावना तत्कालीन आचार्य श्री तुलसी के समक्ष रखी । आपकी प्रतिभा से परिचय के पश्चात् आचार्य श्री ने आपको दीक्षित होने की संतुति दे दी। वि०सं० २०३१ . For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525032
Book TitleSramana 1997 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1997
Total Pages160
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy