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96 : श्रमण/अक्टूबर-दिसम्बर/१६६७
मुम्बई में अभूतपूर्व अहिंसा रैली मुम्बई, २० अक्टूबर राजस्थान में जैन प्रतिमाओं को खंडित करने और जीवदया के कार्य में लगे सामाजिक कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमले तथा महाराष्ट्र में जीवदया कानून के न लागू होने से आहत हुई जैन समाज की भावनाओं के प्रदर्शन हेतु एक विशाल एवं अभूतपूर्व रैली का आयोजन किया गया। इसमें जैन समाज के प्रमुख नेता श्री दीपचंद गार्डी, श्री भरत शाह, श्रीकनकराज लोढा, श्री जवाहर शाह, श्री किशोर एम० वर्धन, श्री प्रताप भेगीलाल, श्री ताराचंद्र संघवी आदि उपस्थित थे। प्रमुख आचार्य श्री यशोवर्म सूरि जी म०सा०, आचार्य प्रद्युम्न विमल जी म०सा०, पंयास अरूण विजय जी म० आदि ने रैली का मार्गदर्शन किया। महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री श्री मनोहर जोशी, शिक्षा मंत्री श्री राणेदत्ता आदि ने भी इस रैली को सम्बोधित किया। महाकवि आरसी-साहित्य शोध-संस्थान की स्थापना
युगपुरुष, पुण्यश्लोक, महाकवि स्व० श्री आरसी प्रसाद सिंह के बहुआयामी व्यक्तित्व एवं कृतियों के समग्र मूल्यांकन तथा उनकी बहुपथीय साहित्य-साधना पर गवेषणा की दृष्टि डालने के लिये, शोधप्रज्ञों को प्रोत्साहित करने और उनके साहित्य को जन-जन तक पहुँचाने के लिए इस शोध संस्थान की स्थापना की गयी है। यह अत्यन्त हर्ष का विषय है कि बिहार राष्ट्र भाषा परिषद, पटना के पूर्व संचालक सुविख्यात लेखक स्वनामधन्य डा० श्रीरंजन सूरि देव इस शोध संस्थान के निदेशक नियुक्त किये गये हैं।
श्री दादावाडी पारमार्थिक ट्रस्ट का सराहनीय कार्य
श्री दादावाडी पारमार्थिक ट्रस्ट, इन्दौर के तत्त्वावधान में यहाँ रामबाग स्थित दादावाडी में मालवा क्षेत्र के तीर्थों पर आने वाले श्वे० तीर्थ यात्रियों की सुविथा को ध्यान में रखते हुए भोजन एवं निवास की समुचित व्यवस्था की गयी है। समस्त श्वे० जैन तीर्थयात्री इससे लाभ उठा सकते हैं। श्री दादाबाड़ी पारमार्थिक ट्रस्ट इसके लिए बधाई का पात्र है।
जैन पत्र-पत्रिकाओं की सूची महाराष्ट्र जैन साहित्य परिषद्, कोल्हापुर और जैन सहयोग, पुणे के संयुक्त तत्वावधान में ६,१० और ११ जनवरी १६६८ को महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी
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