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94 : श्रमण/अक्टूबर-दिसम्बर/१६६७
दिनांक ५ अक्टूबर को आचार्य श्री के सान्निध्य में राजस्थान जैन महिलाअधिवेशन का आयोजन हुआ जिसमें आचार्यश्री ने जैनधर्म में नारी की महत्ता पर अनेक रूपकों के माध्यम से प्रकाश डाला।
दिनांक १५-१६ अक्टूबर तक आचार्य श्री के सान्निध्य में उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि जी म०सा० की ८६वीं जयन्ती मनायी गयी जिसमें देश के विभिन्न अंचलों से अधिकाधिक संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए।
कार्तिकवदि १३ को आचार्य श्री का ६७वां जन्म दिवस सोल्लास मनाया गया। दीपावली और कार्तिकपूर्णिमा के अवसर पर भी आचार्य श्री के सानिध्य में विविध कार्यक्रम आयोजित किये गये।
मुम्बई में पाण्डुलिपि प्रदर्शनी पर्युषण पर्व के पावन अवसर पर अनेकान्त ज्ञान मंदिर वीना (सागर) द्वारा ब्रह्मचारी संदीप जी 'सरल' के निर्देशन में महानगरी मुम्बई में प्राचीन हस्तलिखित पाण्डुलिपियों की भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। श्रीचन्द्रप्रभ दि० जैन मंदिर, भूलेश्वर, मुम्बई के विशाल प्रांगण में मुनिश्री भूतवली सागर जी म० के सान्निध्य में ६ सितम्बर को प्रदर्शनी का शुभारम्भ हुआ। एक सप्ताह तक चलने वाली इस प्रदर्शनी का हजारों लोगों ने अवलोकन किया। अनेकान्त ज्ञान मंदिर द्वारा देश के अन्य नगरों में भी इसी प्रकार की प्रदर्शनी पूर्व में आयोजित की जा चुकी है।
डा० सुधा जैन द्वारा प्रेक्षा-ध्यान प्रशिक्षण
अणुव्रत अनुशास्ता श्री तुलसी के विद्वान् शिष्य मुनि श्री गुलाब चन्द्र निर्मोही' के सान्निध्य में उड़ीसा प्रान्त के कालाहॉडी जिले के केसिंगा ग्राम में पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी की प्रवक्ता डॉ० सुधा जैन ने दिनांक २७.१०.६७ से ३१.१०.६७ तक प्रतिदिन एक घंटे तक प्रेक्षाध्यान, आसन, प्राणायाम के बारे में वहाँ के लोगों को जानकारी दी तथा प्रयोगात्मक प्रशिक्षण भी दिया, जिसमें वहाँ की महिलाओं व कन्याओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। आसन, प्राणायाम द्वारा विभिन्न रोगों से मुक्ति के विषय में प्रयोगात्मक रूप से अवगत कराया। केसिंगा में ही दिनांक ३१.१०.६७ को महावीर परिनिर्वाण दिवस पर मुनि श्री के सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम में मंगलाचरण के पश्चात् उक्त संस्थान के प्रवक्ता डॉ० विजय कुमार ने 'जैनधर्म की प्रासंगिकता' विषय पर अपना वक्तव्य दिया।
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