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१०९ : श्रमण, जलाइ-सितम्बर, १९९७ राजकुमारी कोठारी को पी- एच० डी० की उपाधि
उदयपुर, राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय द्वारा राजकुमारी कोठारी को उनके शोध-प्रबन्ध "ज्ञाताधर्मकथा का साहित्यिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन' विषय पर विद्या वाचस्पति की उपाधि प्रदान की गई है।
श्रीमती कोठारी ने यह शोध-प्रबन्ध हिन्दी राजस्थानी विभाग, राजस्थान विद्यापीठ उदयपुर से, साहित्य संस्थान के निदेशक प्रसिद्ध साहित्यकार डा. देव कोठारी के निर्देशन में पूर्ण किया है।
इस शोध-प्रबन्ध में ईसा पूर्व पांचवी शताब्दी में प्रतिपादित धर्म कथाओं के माध्यम से दिये गये उपदेश, तत्कालीन समाज और संस्कृति, भाषाशैली, कथा साहित्य का विकास एवं साहित्यिकता का विस्तार से अध्ययन किया गया है । आशा है यह शोध-प्रबन्ध प्राकृत कथा-साहित्य के अध्येताओं के लिए उपयोगी सिद्ध होगा ।
उल्लेखनीय है कि आपके पति डॉ० सुभाष कोठारी भी जैन आगम ग्रन्थ 'उपासक दशाङ्ग' पर १९८६ में पी-एच.डी. कर चुके हैं । जैन आगम ग्रन्थों पर शोध कार्य - करने वाले राजस्थान के ये प्रथम दम्पति हैं । श्रीमती राजकुमारी कोठारी को पार्श्वनाथ विद्यापीठ परिवार की तरफ से हार्दिक बधाई । डॉ० सुरेश सिसोदिया उदयपुर लायन्स क्लब के अध्यक्ष निर्वाचित __ पार्श्वनाथ विद्यापीठ से अभिन्न रूप से जुड़े आगम, अहिंसा, समता एवं प्राकृत संस्थान, उदयपुर के शोधाधिकारी डॉ० सुरेश सिसोदिया को वर्ष १९७७-९८ के लिय लायन्स क्लब का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया है।
सामाजिक कार्यों में अपनी सक्रिय सहभागिता निभाने वाले डॉ० सिसोदिया को
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इस सम्मान के लिए विद्यापीठ की हार्दिक बधाई ।
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