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________________ Jain Education International १४७. १५४८ वैशाख वदि १० रत्नदेवसूरि के के पट्टधर पद्माणंदसूरि चन्द्रप्रभ जिना० रवंभात मुनि बुद्धिसागर - पूर्वोक्त, भाग-२, लेखाङ्क ८९५ रविवार १४८. १५४८ वीरचैत्यार्तगत लोढ़ा, पूर्वोक्त - लेखाङ्क आदिनाथ चैत्य, थराद १३१ । आदिनाथ जिना०, बुद्धिसागर,पूर्वोक्त-भाग-२, परा, खेड़ा __ लेखाङ्क ४१३ १४९. १५५२ ज्येष्ठ सुदि १३ बुधवार देवप्रभसूरि For Private & Personal Use Only मुनिसुव्रत की धातु की प्रतिमा का लेख शीतलनाथ की प्रतिमा का लेख आदिनाथ की धातु की प्रतिमा का लेख सुमतिनाथ की प्रतिमा का लेख नमिनाथ की धातु की चौबीसी प्रतिमा का लेख शीतलनाथ की धातुप्रतिमा का लेख १५०. १५५३ लोढ़ा, पूर्वोक्त-लेखाङ्क ६८ वैशाख सुदि १३ पद्माणंदसूरि सोमवार माघ सुदि १२ धर्मवल्लभसूरि शनिवार १५१. १५५३ वीरचैत्यार्तगत आदिनाथ चैत्य, थराद अमीझरा पार्श्वनाथ देरासर, जीरारपाडो, खंभात । सीमंधरस्वामी जिना०, खारवोडा, खंभात बुद्धिसागर,पूर्वोक्त-भाग-२, लेखाङ्क ७७५ पिप्पलगच्छ का इतिहास १५२. १५५३ वही, भाग - २, लेखाङ्क १०६५ www.jainelibrary.org : ९५
SR No.525029
Book TitleSramana 1997 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1997
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size5 MB
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