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________________ Jain Education International १११. १५२४ वैशाख वदि २ सोमवार ११२. १५२४ " उदयदेवसूरि के पट्टधर रत्नदेवसूरि गुणरत्नसूरि के पट्टधर गुणसागरसूरि उदयदेवसरि के पट्टधर रत्नदेवसूरि __ पार्श्वनाथ की विजयधर्मसूरि, पूर्वोक्त, धातु की चौबीसी लेखाङ्क ३८२ प्रतिमा का लेख अभिनन्दन नाथ नवखंडापार्श्वनाथदेरासर, वही, लेखाङ्क ३८३ की धातु-पंचतीर्थी घोघा प्रतिमा का लेख श्रेयांसनाथ की वीर चैत्यार्तगत लोढ़ा, पूर्वोक्त-लेखाङ्क धातुप्रतिमा आदीश्वरचैत्य, थराद १४५ का लेख धर्मनाथ की संभवनाथ देरासर, बुद्धिसागर, पूर्वोक्त-भाग१, धातुप्रतिमा का कड़ी लेखाङ्क ७३३ ११३. १५२४ वैशाख सुदि ३ सोमवार For Private & Personal Use Only ११४. १५२४ तिथिविहीन लेख पिप्पलगच्छ का इतिहास ११५. १५२५ " पौष वदि २ मंगलवार जैन देरासर, वढवाण विजयधर्मसूरि, पूर्वोक्त, लेखाङ्क ३८९ www.jainelibrary.org आदिनाथ की धातुप्रतिमा का लेख नमिनाथ की धातु की पंचतीर्थी प्रतिमा का लेख ११६. १५२५ माघ सुदि २ गुरुवार गुणरत्नसूरि के पट्टधर गुणसागरसूरि चन्द्रप्रभ जिना० सुल्तानपुरा, बड़ोदरा बुद्धिसागर,पूर्वोक्त-भाग-२, लेखाङ्क २०० : ८९
SR No.525029
Book TitleSramana 1997 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1997
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size5 MB
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